ओबीसी को भी एससी, एसटी की भाँति मिले सभी स्तरों पर समानुपातिक कोटा-लौटनराम निषाद

भाजपा का हिन्दुत्व पिछड़ो, दलितों को बेवकूफ बनाने का संघीय तरीका-स्वामी प्रसाद मौर्य*

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जौनपुर। शूद्र(ओबीसी,एससी, एसटी) महासभा के बैनर तले बदलापुर क्षेत्र के सरोखनपुर में रामलखन मौर्य के संयोजकत्व व दौलतराम भारतीय की अध्यक्षता में सम्राट अशोक महान की 2327 वीं जयंती के अवसर पर सामाजिक न्याय अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया।बतौर मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्य राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी पार्टी ने कहा कि सम्राट अशोक जी ने वृहत्तर भारत की स्थापना किये और उनके शासन काल में भारत विश्वगुरु था।पर,हिन्दुत्व के नाम सत्तासीन भाजपा देश को गुलाम बनाने की स्थिति में पहुंचाने में जुटी हुई है।

 

 

भारतीय संविधान, लोकतंत्र पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।उन्होंने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो धर्म ऊंच-नीच,छुआछूत,गैर बराबरी का भेदभाव करता है,वह धर्म हमें स्वीकार नहीं है।मनुस्मृति, रामचरित मानस आदि धार्मिक साहित्यों जो पिछडों, दलितों,महिलाओं के विरुद्ध तमाम श्लोक,दोहे,चौपाई आदि हैं,उन अमानवीय व भेदभावपूर्ण वाक्यांशों का विलोपन होना चाहिए।हिन्दू का राग अलापने वाली भाजपा सरकार ओबीसी,एससी के हितों पर कुठाराघात कर रही है। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा देने वाली भाजपा ढोंग करती है,ओबीसी,एससी के आरक्षण कोटे पर डकैती की जा रही है।

 

 

69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी, एससी के 18 हजार कोटे की हकमारी की गई।विधानसभा चुनाव से पूर्व योगी आदित्यनाथ ने 6800 पदों पर ओबीसी,एससी के अभ्यर्थियों का समायोजन करने का वादा किया था,लेकिन बड़े चालाकी से इनका हक छिनवाकर उत्तर प्रदेश ने धोखाधड़ी किया है।उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दू राष्ट्र के नाम पर संविधान व लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है।कहा कि मण्डल कमीशन का विरोध करने वाली भाजपा भला पिछड़ों की हितैषी कैसे हो सकती है?

 

बतौर विशिष्ट अतिथि ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेन्सस-2011 में सामाजिक-आर्थिक-
जातिगत आधार पर जनगणना हुई थी।जब 31 अगस्त,2015 को जनगणना के आँकड़े घोषित किये गए तो ओबीसी के जातिगत आँकड़ा को उजागर नहीं किया गया।उन्होंने कहा कि मण्डल कमीशन की उच्चतम न्यायालय द्वारा 16 नवंबर,1992 को संवैधानिक करार दिया गया।नरसिम्हा राव सरकार द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को केन्द्रीय सेवाओं 27 प्रतिशत कोटा के लिए 10 सितंबर,1993 को अधिसूचना जारी की गई।उन्होंने बताया कि मार्च 2022 की सरकारी सूचना के अनुसार ओबीसी को अभी तक सभी वर्गों की नौकरियों में मात्र 20.26 प्रतिशत ही प्रतिनिधित्व मिल पाया है।क्लास-1 में 16.88 व क्लास-2 की नौकरियों मात्र 15.77 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है।उन्होंने केंद्र सरकार से बैकलॉग भर्ती द्वारा ओबीसी का कोटा पूरा करने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि एससी,

 

एसटी की दशकीय जनगणना कराकर जनसंख्या का आँकड़ा घोषित किया जाता है और भारत सरकार अधिनियम-1935 व भारत सरकार अधिनियम-1937 के आधार पर सरकारी सेवाओं व विधायिका आदि में जनसँख्यानुपातिक कोटा मिलता आ रहा है।जब एससी, एसटी व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्गों की जनगणना कराई जाती है तो ओबीसी की क्यों नहीं?एससी, एसटी को कार्यपालिका, विधायिका में प्रतिनिधित्व हेतु समानुपातिक कोटा दिया जाता है,तो अनुच्छेद-15(4),16(4) के अनुसार ओबीसी को समानुपातिक कोटा न देकर हकमारी क्यों कि जा रही है? उन्होंने कहा कि भारत सरकार किन्नरों,जानवरों, कछुआ,मगरमच्छ,.भालू,बंदर,घड़ियाल,डॉल्फिन आदि गिनती कराती है तो ओबीसी की क्यों नहीं करा रही? उन्होंने कहा कि भाजपा का हिन्दुत्व पिछड़े,दलित,
वंचित,आदिवासी समाज को बेवकूफ बनाकर इनकी हकमारी करने का संघीय तरीका है।

 

निषाद ने केंद्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना कराने,मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को लागू करने, न्यायपालिका, निजी क्षेत्र, विधायिका(विधान सभा, लोक सभा) व पदोन्नति में आरक्षण लागू करने,कोलेजियम, क्रीमी लेयर, लैटरल एंट्री, निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, बैंको द्वारा दिए जाने वाले सालाना व्यवसायिक लोन में ओबीसी,एससी, एसटी कोटा लागू करने,किसानों के लिए बिना शर्त 25 लाख तक के बिज़नेस लोन का कानून बनाने,आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटा में सभी वर्गों को आरक्षण देने,अति पिछड़ी जातियों की सुरक्षा के लिए एससी, एसटी एक्ट की तरह प्रभावी “अत्याचार निवारण कानून” बनाने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटा के बाद जब 50 प्रतिशत की सीमा को लाँघा जा चुका है तो ओबीसी को भी सभी स्तरों पर एससी, एसटी की भाँति समानुपातिक कोटा व हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी हिस्सेदारी यही संविधान के अनुच्छेद-15(4),16(4) व 16(4-1) की भावना है।

 

मुख्य वक्ता राकेश मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा वंचित जातियों को न्याय देना नहीं बल्कि पिछड़ी जातियों के अंदर नफरत फैलाना है।भाजपा सरकारें झूठा दिलासा देकर अतिपिछड़ी जातियों का वोट हथियाने के लिए 2001 में सामाजिक न्याय समिति गठित किया तो 2018 में जस्टिस राघवेंद्र कुमार की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति गठित किया।भाजपा का मकसद हिन्दू-मुस्लिम, पिछड़ा-अतिपिछड़ा,दलित-अतिदलित के बीच नफरत पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाना है।उन्होंने कहा कि भाजपा छल-कपट,झूठ-फरेब व नफरत की राजनीति करती है।उन्होंने कहा है कि क्या मुसलमानों ने मण्डल कमीशन का विरोध किया,क्या मुसलमान पिछडों,दलितों,वंचितों की हकमारी कर रहा है?

 

सम्मेलन को पूर्व प्रमुख लालप्रताप यादव,शूद्र विजय बहादुर यादव,राजीव रतन मौर्य,शूद्र रामबाबू मौर्य,आचार्य विजय बहादुर पाल,रामसेवक केवट,राजेन्द्र प्रसाद यादव,विनीता कुशवाहा,रमाकांत मौर्य,रामकेश बिन्द, अतुल विश्वकर्मा,प्रीतम यादव,ओमप्रकाश गौतम,पूर्णमासी पाल, अनिल प्रचेता, सतीशचंद्र सत्यार्थी, जोखन जादूगर,सूबेदार निषाद, सुश्री सरोज त्यागी,पुष्पादेवी निषाद, अनीता भारती आदि ने सम्बोधित किया।

 

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