जौनपुर। उतर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग लखनऊ ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को उच्च न्यायलय के आदेश के बाद भी अध्यापकों को वेतन न देने के मामले में तलब किया है।
आसिफ महबूब स०अ० आलिया कार्यवाहक प्रधानाचार्य व 6 अन्य मदरसा कुरानिया गोपालापुर शहरी जौनपुर के आवेदकगणों के द्वारा अधोहस्ताक्षरी को प्रेषित प्रार्थना पत्र
पर आयोग ने यह कार्यवाही किया है।
आसिफ महबूब कार्यवाहक प्रधानाचार्य, साजिद खां नौशाद अहमद, शफीउल्लाह मो० सलीम, आमिर हसन, सालेहा बानो के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वेतन भुगतान का स्पष्ट आदेश देने के बाद भी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्या द्वारा वेतन का भुगतान व्यक्तिगत दवेश के कारण नहीं किया जा रहा है।
माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा पारित आदेश के रिट याचिका संख्या 7665 / 2020 मो० साजिद खा व अन्य बनाम उ०प्र० सरकार व रिट याचिका संख्या 11878/ 2020 शफीउल्लाह बनाम उ०प्र० सरकार एवं रिट याचिका संख्या 17222/ 2022 मो० सलीम व दो अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में वेतन भुगतान करने का स्पष्ट आदेश दिया गया है।
इन शिक्षकों द्वारा अपने प्रार्थना पत्र में आयोग को यह भी अवगत कराया गया है कि सहायक अध्यापक अब्दुल हक व सहायक अध्यापक शमसुद्दीन जो कि सेवा से बर्खास्त थें जिनको जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा अपने स्तर से नियम विरुद्ध आकर ज्वाइन करवा कर उनका वेतन भुगतान 2021 से किया जा रहा है।
माननीय आयोग अपेक्षा करता है कि वेतन भुगतान संबंधी द्वारा यदि मा० उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आवश्यक कार्यवाही किया गया है। इस प्रकरण में संबंधित अधिकारी को स्पष्ट आख्या सहित मा० आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया है।