
जौनपुर। जिले के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह की याचिका पर आज एक अप्रैल को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में समयाभाव दिखाते हुए सुनवाई नही हो पाई है। खबर है कि अगले हफ्ते में सुनवाई के लिए तिथि मुकर्रर की गई है। हाईकोर्ट में सुनवाई न होने से एक बार फिर धनंजय सिंह के खेमे में मायूसी छायी नजर आयी है।धनन्जय सिंह को जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शरद चन्द त्रिपाठी ने नामामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में 06 मार्च 24 को सात वर्ष की कठोर कारावास की सज़ा दी है साथ ही जुर्माना भी लगाया है। सजा के खिलाफ धनंजय सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय सिंह की सिंगल बेंच ने याचिका की सुनवाई के लिए मुकर्रर पहली तिथि को अधिक मुकदमा होने का हवाला देते हुए अगली तारीख एक अप्रैल मुकर्रर किया था।
यहां बता दे कि 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, रंगदारी मांगने, धमकाने और आपराधिक साजिश के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
कोर्ट में गवाह और मुकदमा वादी पक्षद्रोही ( होस्टाइल) हो गए थे इसके बाद भी न्यायधीश ने धनंजय सिंह को आरोप दोषी पाते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने बीते छह मार्च को सात वर्ष की कठोर कारावास और डेढ़ लाख रूपये जुर्माना लगाया है। जौनपुर एमपी-एमएलए के स्पेशल जज की कोर्ट के फैसले के खिलाफ धनंजय सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन अभी तक उनको कोई राहत नहीं मिली है।कोर्ट के फैसले को जेल में बंद धनंजय सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
