संस्कृति परियोजना दिशा के नवीन संस्करण का उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने किया लोकार्पण

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अखिलेश सिंह
हरदोई। पं बाबूराम त्रिवेदी सरस्वती शिशु मंदिर अल्लीपुर में रविवार को विद्याभारती द्वारा आयोजित नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के समापन दिवस पर मुख्य अतिथियों राज्य मंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी का नवीन आचार्या वहनों के तिलक व वैच लगाकर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती तिवारी के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन व पुष्पार्चन किया गया। अतिथियों का परिचय संभाग निरीक्षक सीतापुर संभाग निरीक्षक रणवीर सिंह के द्वारा किया गया। वंदना कार्यक्रम के पश्चात विभाग संघ चालक उन्नाव शिव स्वरूप सिंह का स्वागत सह मंत्री कौशल किशोर वर्मा ने किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी का स्वागत प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख बिंदु सिंह व प्रांतीय शिशु वाटिका से प्रमुख ज्योति मिश्रा के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद डॉ सुशील चंद्र त्रिवेदी मधुपेश का स्वागत जन शिक्षा समिति अवध प्रदेश के प्रत्येक निरीक्षक मिथलेश स्वास्थ्य के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती तिवारी ने संस्कृति बोध परियोजना की नवीन संकरण का लोकार्पण किया। लोकार्पण बोध परियोजना के प्रांतीय संयोजक ब्रह्मचारी के द्वारा करवाया गया।

 

प्रदेश निरीक्षक जन शिक्षा परिषद अवध प्रदेश प्रदेश निरीक्षक मिथिलेश अवस्थी के द्वारा सम्पूर्ण वर्ग का वृत्य कथन कहा गया। विभाग संघ चालक उन्नाव शिव स्वरूप सिंह ने संघ के वारे में विस्तार से चर्चा की तथा नवीन आचार्यो का मार्गदर्शन किया। उसके उपरांत उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने कहा विद्या भारती ऐसे व्यक्ति का निर्माण करें अच्छे शिक्षक तैयार करें। विद्या भारती बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा देने का निरंतर प्रयास करती रहती है। विद्या भारती आचार्यो को प्रशिक्षण देती है कि वह बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा दे सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद डॉ सुशील चंद्र त्रिवेदी मधुपेश ने शिक्षा के उद्देश्यों के वारे में विस्तृत चर्चा की तथा शिक्षक के कर्तव्यों के वारे में अवगत करवाया।

 

इस मौके पर मुख्य रूप से उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा विद्या भारती शीर्षेन्दुशील त्रिवेदी विपिन, साकेत संभाग मिथिलेश सिंह, लखनऊ संभाग निरीक्षक श्याममनोहर शुक्ल, प्रांतीय प्रशिक्षण प्रमुख देवेंद्र पाल सिंह, गणमान्य व्यक्ति, व्यवस्था के आचार्य तथा नवीन आचार्य प्रशिक्षार्थी मौजूद रहे।

 

 

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