चतुर्थ स्तंभ पर हिस्ट्रीशीटर से विधायक बने बेदी राम का हमला लोकतंत्र के लिए है बड़ा घातक

0 326
जौनपुर। जनपद के जलालपुर क्षेत्र स्थित ग्राम कुसियां का मूल निवासी एवं थाना जलालपुर का हिस्ट्रीशीटर (एचएस मजारिया) वेदी राम विधायक बनने के बाद भी पेपर लीक मामले में शामिल है। इसका खुलासा इसके निकटतम साथी विजेंद्र गुप्ता द्वारा वीडियो के जरिए करने पर जब जौनपुर से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक हड़कंप मचा है और सरकार तक कटघरे में खड़ी हो गई तथा सुभासपा और सरकार के गले की हड्डी बनने वाला वेदी राम और उसके गुन्डे अब अपनी खीझ मीडिया पर निकाल रहे है।हलांकि वायरल वीडियों की जांच अगर पूरी इमानदारी से हो गई तो सत्य जन मानस के पटल पर जरूर आयेगा।
वेदी राम के गुन्डो द्वारा मीडिया के साथ घटना कारित करने पर पत्रकार संगठन में जबरदस्त रोष व्याप्त है। जिला प्रशासन मीडिया जनो के साथ घटित घटना को गम्भीरता से लेकर यदि तत्काल विधिक कार्यवाई नहीं किया तो पत्रकार संगठन जौनपुर प्रेस क्लब आन्दोलन की राह पकड़ने को मजबूर हो सकता है।

यहां बता दे कि पेपर लीक और जाल फरेब करने वाले गाजीपुर जखानियां के विधायक वेदी राम के खिलाफ वर्ष 2022 में विधायक बनने के बाद जिले के निवर्तमान पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने हिस्ट्रीशीट 17A खोली थी जो आज भी प्रचलित है। वेदी राम के अपराधिक कृत्य की जमीनी तहकीकात करने के लिए न्यूज नेशन की टीम आज कुसियां गयी तो वेदी राम के कथित गुन्डो ने मीडिया टीम पर हमला कर दिया  जिसकी सर्वत्र निन्दा हो रही है।

 

हलांकि वेदी राम के अपराधिक कारनामे के चलते जहां सुभासपा के नेता एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक फटकारे जा रहा है वहीं पर वेदी राम अपने गुन्डो को मीडिया के खिलाफ लगाए हुए है। वेदी राम विधायक बनने से पहले भी पेपर लीक जैसे अपराधिक मामले में सन्लिप्त रहे और जेल की सलाखों के पीछे जा चुके है इसके बाद भी सुभासपा ने ऐसे अपराधी को टिकट प्रदान कर विधायक बनवा दिया इससे यह संकेत साफ है कि सुभासपा ऐसे अपराधियों की संरक्षण दाता है और सत्ता के साथ रह कर वेदी राम जैसे अपराधियों को बचाने का काम कर रही है।

 

बेदीराम के अपराधिक इतिहास पर नजर डाली जाए तो 2006 से 2014 के बीच तीन बार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा वह मध्य प्रदेश की एसटीएफ और राजस्थान की एसओजी के हत्थे भी चढ़ चुके हैं। करीब एक दशक पूर्व बेदीराम को रेलवे समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड माना जाता था। 2014 में रेलवे भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने पर बेदीराम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और उसकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एसएसपी, लखनऊ को पत्र भी लिखा था, हालांकि उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस तरह बेदी राम का अपराधिक इतिहास है।
बता दें कि 2014 में रेलवे का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किए गये मास्टरमाइंड और राष्ट्रीय स्तर के जालसाज बेदीराम ने जमानत मिलने के बाद राजनीति में कदम रखा और पहले पत्नी को ब्लॉक प्रमुख बनवाया, तत्पश्चात 2022 के चुनाव सुभासपा के बैनर तले टिकट खरीदा और सपा सुभासपा गठबंधन के चलते विधायक बन गया। हलांकि ओमप्रकाश राजभर का भी एक वीडियो वायरल है जिसमें उन्होने बेदी राम को सभी विभागो मे नौकरी दाता बताया है। जो भी हो लेकिन बेदी राम का हमला चौथे स्तंभ पर होना लोकतंत्र के लिए बड़ा घातक माना जा रहा है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.