थानागद्दी ग्रामसभा, विकास कार्य केवल कागजो पर

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जौनपुर : केराकत विकासखंड का ग्रामसभा थानागद्दी जिसने अपनी प्रसिद्धि के नए इतिहास लिखें है, चाहें यहां का प्रसिद्ध देवस्थल सब्बल ब्रह्म बाबा धाम की बात हो चाहें यहां के राजनीतिक पहुँच की। वाराणसी और जौनपुर का बॉर्डर जहाँ कभी झूला वनस्पति डालडा की फैक्ट्री हुआ करती है या जहां कीनाराम की तपस्थली भी रहीं है और अब पूरा क्षेत्र अदद विकास के लिए तरस रहा। थानागद्दी ग्रामसभा में छोटा सा बाजार अपनी कई प्रसिद्धियों के लिए जाना जाता रहा है और यहां के व्यापारियों ने पूरे यूपी में अपनी धाक जमाई। केराकत तहसील से बिल्कुल सटा यह ग्रामसभा राजनीतिक उपेक्षाओं की भेंट चढ़ गया।

 

बाजार में जाने के लिए एक पुरना मार्ग हुआ करता था जो पहले अतिक्रमण की भेंट चढ़ा बाद में मार्ग को आरसीसी करवाने के नाम पर पूर्व जनप्रतिनिधियों ने पूरे मार्ग का बंटाधार कर दिया क्योकि मार्ग के बिचो – बीच पक्की नाली खुदवा कर उसपर पटिया रख दी अब उसपर चलना दुभर है। कई ग्रामप्रधान भी आए जिनमें से अधिकतर सामान्य जाति के रहें उन्होंने ग्रामसभा के कई कच्चे मार्गो को कागजो पर रिपेयर करा कर सरकारी धन कर जमकर दुरूपयोग किया जबकि पिछली बार सीट आरक्षित घोषित हुईं तो ग्राम प्रधानी मौर्य जाति के खाते में गई और ग्रामप्रधान महोदय बसपा के खासम खास क्षेत्रीय नेता थे तो प्रधानी मिलने के बाद उनका विकास केवल हरिजन बस्तियों तक ही सिमित रह गया।

 

मनरेगा का काम हो चाहें निजी काम सभी लोगो अपने आदमी और एक ही जाति विशेष के। प्रधान महोदय सवर्ण बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्य तो दूर, उनकी सुनने तक को तैयार नहीं और जब उनसे विकास योजनाओं की बातें पूछी जाती है तो कहते है पंचायत अधिकारियों से पूछिए, मै कोई जवाबदेही नहीं रखता। ज़ब उनसे भाजपा सरकार के ग्रामीण योजनाओं को लोगो तक पहुंचाने के विषय में पूछा गया तो बोले हम वहीं काम करेंगे जो हमसे होगा मै किसी पार्टी के ठेका नहीं लिया हूँ, अधिकारी से शिकायत करना है कर दीजिए ऐसे अधिकारी मै जेब में रख कर घूमता हूँ। ऐसी हालत में विकास कार्यो की उम्मीद और ग्रामीणों के जीवनदशा सुधरने की अपेक्षा ना के बराबर है। ग्रामसभा में कई जगह बजबजाती नालियाँ, जर्जर पंचायत भवन, कच्चे मार्ग, अधूरा कूड़ा घर, मनरेगा के तहत आधा अधूरा तालाब सुंदरीकरण, मिट्टी के कामों में लापरवाही और कागजी खानापूर्ति से धन का दुरूपयोग अधिक दिखेगा।

 

ग्रामसभा में अधिकतर ग्रामीणों के पास ना तो अच्छी आवागमन की व्यवस्था है ना प्रकाश की, आस पास के तालाबों पर पौधे इत्यादि का ना तो रोपण हुआ ना ही सौ प्रतिशत वृद्धा पेंशन और किसान सम्माननिधि ही मिल पा रहीं। ऐसे में सरकार की मंशा का क़त्ल करने वाले निकृष्ट जनप्रतिनिधियों पर उच्च अधिकारी कब संज्ञान लेंगे यह देखना दिलचस्प है ताकि थानागद्दी विकास की ओर आगे बढ़ सकें।

 

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