किशोरियों के बोन हेल्थ पर ध्यान दें: डॉ मधु शारदा

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जौनपुर। कृष्णा स्कूल आफ नर्सिंग में विद्यालय की डायरेक्टर डॉक्टर मधु शारदा प्रख्यात इन्फ़रटिलिटी स्पेशलिस्ट ने विद्यालय प्रांगण में छात्रों तथा शिक्षक को “बोन हेल्थ” इन एडोलिसेंट (युवा अवस्था )नामक विषय पर जानकारी दी और एक गोष्ठी का अयोजन किया।हड्डी मजबूत रखना क्यों जरूरी है ,कैसे जरूरी है ,और कब से इसकी देख रेख करनी इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी,हड्डी की मजबूती एक शिशु जब मां के पेट मैं होता है, तभी से शुरू होती है ,और 2 से 4 साल में जब तक वो अपना बढ़ता है तब तक तो अधिकतम बोन मजबूती पा लेती है ,और महिलाओं में 9 से 12 साल बोन डिपोजिशन टाइम होता है, मतलब सबसे ज्यादा इस समय हड्डी में कैल्शियम डिपॉजिट होता है और इसी समय की मजबूती से मासिक धर्म रजो निब्रत होने के बाद तक काम आती है , जो महिलाएं अपने शरीर के हड्डीओ के बारे में ध्यान नहीं रखते वह बाद में चल के ऑस्टियोआर्थराइटिस नामक बिमारी होने की संभावना बनी रहती है और अत्यधिक हो जाती है , तथा ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचने के लिए उन्हे कैल्सियम,विटामिन डी और नियमित रूप से व्यायाम बोन हेल्थ के लिए कितना जरूरी है, इसकी विस्तृत जानकारी दिया , साथ नर्सिंग कॉलेज के सभी शिक्षक और विद्यार्थियों को यह भी संदेश दिया की उनके आस पास जितनी भी बच्चियां और महिलाएं आती है,वो सभी उन्हें जागरूक करे तथा समय समय पर कैल्सियम की जांच करानी जरूरी है।।

युवा महिलाओं में हड्डी स्वास्थ्य के लिए डॉ मधु शारदा ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी उपस्थित बच्चो और अध्यापकों से साझा किया ::

1. **कमजोर हड्डियाँ बढ़ा सकती हैं**: युवा और बच्चों में सही पोषण और व्यायाम का महत्व है, क्योंकि इससे हड्डियां मजबूत होती हैं और विकासित होती हैं।

2. **कैल्शियम की आवश्यकता**: युवा महिलाओं को अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

3. **विटामिन डी की आवश्यकता**: विटामिन डी भी कैल्शियम को हड्डियों में संश्लेषण करने में मदद करता है। युवा महिलाओं में विटामिन डी की कमी स्वाभाविक हो सकती है।

4. **अनुकूल आहार**: पोषणीय आहार लेना हड्डी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। युवा महिलाओं को हर दिन अधिकतम कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार लेना चाहिए।

5. **नियमित व्यायाम**: स्वस्थ हड्डी स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है।

6. **बाह्य प्रभावों से बचाव**: धूप और प्रदूषण जैसे बाह्य प्रभावों से बचना और हड्डी स्वास्थ्य को संरक्षित रखना भी महत्वपूर्ण है।

ये सभी तथ्य युवा महिलाओं के लिए हड्डी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में डॉ हरेंद्र देव सिंह (वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट) ने डॉ मधु शारदा के द्वारा दी गई जानकारी की प्रशंसा की और डॉ रोबिन सिंह( हड्डी रोग विशेषज्ञ) ने इसका समापन किया इस गोष्ठी का सफल अयोजन ज्वाइंट डायरेक्टर सुमन सिंह द्वारा किया गया जिसमें प्रबंधक गगनेंद्र सिंह, पवन सिंह, अनित सिंह,प्रिंसिपल सभ्यता दुबे फिजियोथैरेपिस्ट प्रदीप मौर्या, डॉ काशिफ, और तमाम लोग उपस्थित रहे ।।

 

 

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