जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ जिला अस्पताल में सरकार की मंशा के ठीक उलट काम किया जा रहा है। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार स्वास्थ्य के लिए हजारों करोड़ का बजट देती है ताकि गरीब तबका इलाज के लिए परेशान और मजबूर न हो। वहीं केंद्र की मोदी सरकार भी मेडिकल सेक्टर में अरबों रुपए का बजट देती है। जिला अस्पताल में एक अनोखा मामला देखने को मिला है। स्किन डिजीज से पीड़ित एक मरीज डॉक्टर के पास जाता है। चिकित्सक उसे दवा लिखते है और कहते है कि ब्लड की सीरम ige की जांच करा लीजिए ताकि बीमारी का स्तर पता चल सके। मरीज अस्पताल में अपना ब्लड का सैंपल देता है और जब दूसरे दिन रिपोर्ट लेने जाता है तो उसे कहा जाता है कि ये जांच यहां नहीं होती है। बाहर से जांच कर लीजिए। ये जवाब सुनकर मरीज कहता है जब जांच यहां नहीं होती तो आप ब्लड का सैंपल क्यों लिए तो इस पर स्वास्थ कर्मी ने कहा जिस दिन आपका ब्लड लिया गया था उस दिन प्रशिक्षु नर्स ने इंट्री किया और ब्लड सैंपल ले लिया। गलती तो हो गई है आप बाहर से जांच कर ले। अब सवाल उठता है कि इस तरह की लापरवाही का जवाब देह कौन होगा। क्या इसी तरह से सरकार की मंशा पर जिम्मेदार पानी फेरते रहेंगे जिससे सरकार की छवि धूमिल होती रहे।