जौनपुर। हर साल देश भर में दो महीने 8 दिन गम का त्यौहार मुहर्रम मनाया जाता है। मुहर्रम में दो महीने आठ दिन रूक रूक कर अलग अलग स्थानों पर जुलूस का आयोजन किया जाता है। हुसैनी अजादार जुलूस के दौरान जुलूस में शामिल होने वालों के साथ साथ रास्ते से आने जाने वाले राहगीरों ठंडा पानी, जूस, नाश्ता, वितरण करते हैं। जुलूस में दर्शन यानी जियारत करने आई महिलाओं को उनके बच्चों को पीलाने के लिए दूध की व्यवस्था कराई जाती है। दूध वितरण कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन अस के 6 माह के बेटे की याद में किया जाता है। इसमें गरीब महिलाओं को भी दूध का पैकेट दिया जाता है ताकि वह अपने बच्चों को पीला सकें। मुहर्रम के दो महीने आठ दिन इमाम हुसैन अस की याद में जगह जगह लंगर की भी व्यवस्था कराई जाती है। आने वाले 16 जुलाई को मुहर्रम की 9वी की रात शिया समुदाय से लेकर इमाम हुसैन अस को मानने वाले अन्य लोगों अपने अपने घरों में ताजिया व अलम रख कर रात भर गम मनाते हुए देखे जाएंगे। 17 जुलाई यानी 10वी को ताजिया निकाल कर देर शाम तक उसे दफन किया जाएगा। इमाम हुसैन ने लोगों को इंसानियत सिखाई है।