उत्तर प्रदेश की भाजपा में: संगठन वर्सेज सरकार के बीच सियासी जंग जारी आ सकता है 24 घंटे में नातीजा

पहले सीएम योगी फ़िर दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक हुए दिल्ली रवाना, पीएम मोदी के सामने योगी रखेंगे यूपी में तमाम सीटों पर हार के प्रामाणिक दस्तावेज़ l -दोनों डिप्टी और कई विधायकों, वर्तमान व पूर्व मन्त्रियों द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ़ दिए गए बयानों की तैयार फाइल भी मोदी, शाह और नड्डा के सामने जस का तस रखेंगे योगी l

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कैलाश सिंह

लखनऊ (तहलका विशेष)l दो साल से अपने ही मन्त्रियों, विधायकों की खींचतान को दरकिनार रखके उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम आरोपों को झेलते हुए मौन रहकर सरकार चलाते रहे लेकिन चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तो वह ‘नीलकण्ठ’ बनकर यानी ज़हर का घूँट पीकर केवल यूपी में भाजपा की हार का कारण तलाशते रहेl इस दौरान उन्होंने मण्डल स्तर पर पूर्व व वर्तमान  विधायकों, सांसदों, संगठन से जुड़े पदाधिकारियों, कुछ ब्लॉक प्रमुखों तक से बात करके उसे दस्तावेज़ की शक्ल में तैयार कर लिए l वह शुक्रवार को जब दिल्ली रवाना हुए तो आनन- फानन दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक भी भाजपा हाई कमान के सामने पेश होने को चल दिए l

मुख्य मंत्री और दोनों डिप्टी सीएम के दिल्ली दरबार में जाने की खबर से चौथी बार प्रदेश की राजधानी लखनऊ का सियासी पारा शेयर बाजार की तरह ऊंचाई नापने लगा l पहली बार ऐसा तब हुआ जब गोरखपुर में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत संघ की पूर्व निर्धारित व नियमित शाखा में शामिल होने पहुंचे थे, तब दो दिन तक योगी और भागवत की मुलाकात होने को लेकर मीडिया की खबरों से दिल्ली तक सियासी माहौल गर्म रहा l इसके बाद लखनऊ में होने वाली भाजपा व संघ के बड़े पदाधिकारियों के समन्वय बैठक में भाग लेने की खबरें दो दिन तक सुर्खियां बटोरती रहीं लेकिन ऐन वक्त पर बैठक रद्द होने की खबर से सियासी तापमान शेयर बाजार की तरह धड़ाम हो गया l इसी बीच एक दिन 12 घंटे तक राजधानी में सरगर्मी रही, योगी आदित्यनाथ के राज्यपाल से मिलने को लेकर राजनीतिक कयासबाज़ी का पटाक्षेप शाम को तब हुआ जब योगी श्रीमती आनंदी बेन को एक किताब भेंटकर लौटे l अब सीएम योगी के दिल्ली जाने की खबर ने कायासों के साथ अफवाहों को पंख लगा दिए हैं l दोनों डिप्टी का दिल्ली आना- जाना सियासी गलियारे में सामान्य माना जा रहा है, क्योंकि इनके बगावती बयानों और गतिविधियों ने भारतीय जनता पार्टी को रसातल में पहुंचाने के लिए कोरियर का काम किया है l संगठन और सरकार में बड़ा कौन? के सवाल पर एक बार पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि संगठन में दो टीम होती हैं ‘ए और बी’ l इसमें से ए टीम के लोग सरकार चलाते हैं और बी टीम के लोग पार्टी के जनाधार पर काम करते हैं l सरकार के लोग संगठन से कभी भी सलाह ले सकते हैं

दरअसल योगी आदित्यनाथ के दिल्ली जाने का कारण सामान्य है, क्योंकि इसी दिन देश के अधिकतर प्रांतों के सीएम, डिप्टी सीएम दिल्ली बुलाए गए हैं l वहाँ सभी को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेना है l इस बैठक से मौका मिलने के बाद विभिन्न राज्यों के मुखिया को समय मिलने पर प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात व राज्यों की समस्या पर बातचीत हो सकती है, लेकिन यूपी को लेकर गम्भीर चर्चा होनी तय मानी जा रही है l

 

भाजपा और योगी के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में भले ही हिस्सा लेने गए हैं लेकिन वह यूपी में भाजपा की 50 फीसदी से अधिक लोकसभा सीटों पर हुई पराजय के ठोस सुबूत को दस्तावेज़ की शक्ल में ले गए हैं l इसे देखने, सुनने के बाद संगठन व सरकार में चेहरे बदलने के निर्णय को रास्ता मिलेगा l राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चेहरे बदलने के साथ भाजपा में मची कलह का पटाक्षेप हो जाएगा l सामने 10 सीटों पर विधान सभा उप चुनाव को सम्पन कराने की जिम्मेदारी योगी ही निर्वहन करेंगे l इसमें संगठन पूरी शिद्दत से सहयोग करेगाl हार- जीत के आंकड़े को लेकर किसी तरह का नेरेटिव नहीं गढ़ा जाएगा l योगी के मजबूत रहने के दो प्रमुख आधार हैंl पहला यूपी को छोड़कर बाकी प्रांतों में हुए उप चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत घटा, इसमें तो योगी जिम्मेदार नहीं रहे l दूसरा आधार योगी का भाजपा की समीक्षा बैठक में दिया गया भाषण जिसमें उन्होंने पार्टी के अति आत्मविश्वास को हार का कारण बताया था l योगी की मंडलवार समीक्षा बैठक में यही निष्कर्ष निकलकर सामने भी आया l योगी के सुझाए गए टिकटों को काटना और गैर भाजपाइयों को टिकट देना भी पार्टी को महंगा पड़ा l दिल्ली में होने वाली इस बैठक में भाजपा के संगठन और सरकार में चेहरे बदलना तय माना जा रहा है, इसके लिए 24 घंटे इंतज़ार करना होगा ।

 

 

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