इससे पहले कोर्ट ने प्रदेश सरकार से छात्रा की मौत की जानकारी होने के बाद पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई का ब्योरा तलब किया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान जानकारी मिली कि एक महीने बाद भी पुलिस ने अब तक परिजनों की एफआईआर दर्ज नहीं की है। इससे खफा हाईकोर्ट ने जौनपुर के एसपी और जलालपुर थाना प्रभारी को आठ अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
मामा ने बताया कि वह रूबी को दो जुलाई की शाम 4ः40 बजे घर से ले जाकर छात्रावास में छोड़े थे। रात आठ बजे प्रधानाचार्य ने फोन पर रूबी की मौत की सूचना दी। इसके बाद घटना की खबर फैलते ही सीडीओ, ब्लॉक के बीडीओ, सीओ केराकत और थाना जलालपुर की पुलिस टीम मौके पर पहुंचीी। पंचनामा और पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन मामा की तहरीर पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके खिलाफ गोविंद निषाद ने हाईकोर्ट का रुख किया था।