छात्रा से गैंगरेप मामले में बीजेपी नेताओं के बरी होने पर छात्रों में फूटा गुस्सा

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उत्तर प्रदेश। वाराणसी जिले के आईआईटी बीएचयू में छात्रा से गैंगरेप के मामले में दो आरोपियों आनंद चौहान और कुनाण को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। आनंद और कुनाण बीजेपी नेता हैं। दोनों के बरी होने की खबर मिलते ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के बैनर तले गुस्साए छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया है। सभी छात्र आरोपियों की जमानत को लेकर नारेबाजी कर रहे थें। उनका कहना है कि उनकी रिहाई पीड़िता के साथ हुए अन्याय को बताती है। एक तरफ योगी सरकार बालात्कारियों को चेतवानी देते हुए यमराज तक पहुंचाने की बात करती है और अयोध्या में कोर्ट के फैसले से पहले बुल्डोजर चलवाती है। दूसरी तरफ छात्रा से गैंगरेप के आरोपी 7 महीने बाद सही सलामत जेल जाते हैं उसके बाद उन्हें जमानत मिल जाती है। आगे छात्रा कहते हैं कि कोलकाता डॉक्टर कांड को लेकर सभी ने एकता दिखाई जो सही है लेकिन छात्रा को इंसाफ न मिलने पर कुछ ही छात्रों एकता दिखाई।

आरोपियों की रिहाई पर बीएचयू में प्रोटेस्ट: बता दें कि आईआईटी बीएचयू के मामले में दोषी तीन आरोपियों में दो आरोपी आनंद और कुणाल को 26 और 29 अगस्त को हाईकोर्ट से जमानत पर रिहाई मिल गई है। इसके विरोध में एनएसयूआई के बैनर तले 50 से अधिक की संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सबसे पहले उन्होंने प्रतिरोध सभा का आयोजन किया, जहां सबने सरकार से सवाल पूछे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, इन्हें जमानत कैसे मिल गई, यह एक बड़ा सवाल है। छात्रों ने कहा कि इनकी गिरफ्तारी को लेकर बहुत दबाव बनाना पड़ा, तब जाकर उस समय उनकी गिरफ्तारी हुई। लेकिन अब यह जमानत पर रिहा हो गए हैं। हम उत्तर प्रदेश सरकार से पूछना चाहते हैं कि आखिर वह इस मामले में इतनी हीलाहवाली कैसे कर सकते हैं और इस मामले को इतना हल्का कैसे ले सकते हैं।

सरकार का दोहरा चेहरा: इस दौरान शोध छात्र सुमन ने कहा कि बीजेपी सरकार का दोहरा चेहरा इन कृतियों से लगातार सामने आ रहा है। आईआईटी की बेटी को अब तक न्याय नहीं मिला है, कोलकाता की दुर्दांत घटना से अभी हम उभरे भी नहीं थे। उसी आईआईटी बीएचयू के आरोपियों को बेल दे दी गई है। यह न्याय व्यवस्था कैसी है। यह समझ से परे है। आखिर सरकार इन सभी विषयों पर चुप कैसे है।

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