कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों में डेंगू का खतरा अधिक (डाक्टर मुकेश शुक्ल नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ)

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तामीर हसन शीबू 

जौनपुर जनपद में पिछले साल की तरह इस साल भी डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है। शहर से लेकर गांव तक लोग इस बीमारी की गिरफ्त में तेजी से आ रहे हैं। वैसे तो यह बीमारी सामान्य उपचार में ठीक हो जाती है लेकिन थोड़ी सी लापरवाही घातक साबित होती है। डेंगू किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बच्चों की कमजोर इम्यूनिटी की वजह से यह उनके लिए घातक हो सकता है। बड़ों की तुलना में बच्चे सुबह-शाम के समय में घर से जाकर खेलते हैं, जिसकी वजह से यह एडीज मादा मच्छर के संपर्क में आ सकते हैं। डेंगू के मच्छर शाम या फिर सुबह के समय अधिक काटते हैं। ऐसे में बच्चों को डेंगू से सतर्क रहने की जरूरत होती है। बच्चों में डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है।.
बच्चों में डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू के लक्षण आमतौर पर कंफ्यूज करने वाले होते हैं, क्योंकि इसके लक्षण सामान्य बुखार की तरह होते हैं। मच्छर के काटने के करीब दो से चार दिन बाद इसके लक्षण सामने आने लगते हैं। इसके अलावा बीमारी की गंभीरता पर भी लक्षण नजर आते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षण तेज बुखार हो सकता है। इसके अलावा कुछ गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं।
1. काफी तेज बुखार
2. बुखार के साथ-साथ बच्चों को तेज सिर दर्द
3. उल्टी आना
4. जोड़ों और हड्ड्यों में दर्द भी हो सकता है।
5. स्थिति गंभीर होने पर स्किन पर लाल चकत्ते नजर आते हैं।
6. मसूड़ों से खून आना या फिर खून की उल्टी आना बच्चों में डेंगू के गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

डेंगू से ऐसे करें बचाव:-
-डेंगू का कोई विशेष उपचार प्रक्रिया नहीं है। बचाव ही इसका उपचार होता है। खासतौर पर इस सीजन में अपने बच्चों की ध्यान दें।
– बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करें। उन्हें ताजे फल और सब्जियां दें।
– घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
-शाम और सुबह के वक्त घर के दरवाजों और खिड़कियों को -मच्छरदानी लगाकर सोएं।
-घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें।

किन्हें डेंगू का खतरा अधिक
कुछ स्थितियों में सामान्य बच्चों की तुलना में कुछ खास बच्चों में डेंगू होने का जोखिम अधिक हो सकता है। जैसे बच्चे यदि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे हैं या फिर हाल ही में उन स्थानों की यात्रा की है जहां पर डेंगू का संक्रमण रहा है तो इस स्थितियों में खतरा हो सकता है।
इसके अलावा यदि आपको पहले भी डेंगू बुखार हो चुका है तो भी संक्रमण का जोखिम आपमें अधिक हो सकता है। डेंगू से पहले संक्रमित रह चुके हैं तो आपमें अगले संक्रमण में गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है।

कमजोर इम्युनिटी वालों में खतरा
अध्ययनों से पता चलता है कि जिन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें अन्य लोगों की तुलना में डेंगू के लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं और इनको रिकवर होने में अन्य लोगों की तुलना में अधिक समय लग सकता है। कमजोर इम्युनिटी वालों को डेंगू से बचाव को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है।

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