कोटेदार को जांच से बचाने का षडयंत्र रचने में घिरे पूर्ति निरीक्षक कटरा बाजार,ऑडियो वायरल

ऑडियो रिकॉर्डिंग में पूर्ति निरीक्षक शिकायतकर्ताओं और मीडिया कर्मियों को फंसाने की दे रहे सलाह पूर्ति विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल

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कर्नलगंज, गोंडा। जिले में वैसे तो पूर्ति विभाग ने अपने कारनामों से अलग ही पहचान बना रखी है,लेकिन किसी पत्रकार या निर्दोष व्यक्ति को किस तरह से मामले में फंसा दिया जाए और भ्रष्ट कोटेदारों को कैसे बचाया जाए यह बात कटरा बाजार के नवागत पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार को भली भांति पता है।

उनके इस कारनामे से जुड़ा एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने शिकायतकर्ता को कोटेदार समझकर करके बातें की और शिकायतकर्ताओ व पत्रकारों को फंसाने की योजना बता डाली। ऑडियो वायरल होने से कोटे की दुकान के जांच के बाबत बचाव का जुगाड़ बताने और षड्यंत्र रचने में पूर्ति निरीक्षक घिर गए हैं और विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मामला कटरा बाजार विकास खंड क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है,जहां एक कोटेदार के विरुद्ध जांच के दौरान एक ऑडियो वायरल हुआ है,जिसमें पूर्ति निरीक्षक शिकायतकर्ताओं और मीडिया कर्मियों को फंसाने की सलाह दे रहे हैं।

इस मामले को लेकर कोटिया मदारा गांव के निवासी दीपनारायन शुक्ला उर्फ दीपक शुक्ला ने जिलाधिकारी को पत्र देकर सरकार के जीरो टालरेंस नीति की धज्जियाँ उड़ा रहे भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। यहां ग्रामीण कई माह से कोटेदार के विरुद्ध शिकायत करते आ रहे हैं,लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं लगाई गई। ऑडियो वायरल होने से पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार ने शिकायतकर्ताओं को फर्जी फंसाने के लिए षड्यंत्र रचने को कहा,ताकि कोटेदार बच पाए। ग्रामीणों में इस मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।


मामला विकास खंड कटरा बाजार के ग्राम कोटिया मदारा के कोटे की दुकान का है। गांव के निवासी दीपनारायण शुक्ला उर्फ दीपक शुक्ला ने शिकायत में कहा है कि उनके ग्राम पंचायत की कोटेदार मंजू देवी द्वारा की जा रही अनियमितता की शिकायत पर जुलाई माह 2024 में पूर्ति निरीक्षक द्वारा किये गये जांच के दौरान अनुचित लाभ लेकर अभी तक कार्यवाही नही की गयी। पूर्ति निरीक्षक सुनील दिवाकर के स्थानान्तरण के बाद कार्यभार ग्रहण कर चुके नवागत पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार द्वारा शिकायत कर्ता को कोटेदार समझकर फोन पर कहा गया कि कोटेदार बोल रहे हो क्या ? एसडीएम साहब ने कहा है कि पत्रकार लोग दलाली करते है, उनके भी विरूद्ध शिकायत करके तमाम लोग इकट्ठा होकर पेपर बाजी करा दो। दोनो तरफ से हो जाय ठीक रहेगा। तभी तुम्हारा मामला सही रहेगा।

तत्पश्चात निवर्तमान पूर्ति निरीक्षक सुनील दिवाकर ने कहा कि शिकायतकर्ताओ की खतौनी, आधार कार्ड,आदि अभिलेख किसी तरह से ले आईये उन लोगो का नाम अन्य ग्राम पंचायत के कोटेदार के दुकान में जोड़ दे और यह भी कहा कि प्रकाश वीर से बात हुई है। पेट्रोल पम्प पर आइए मै पूर्ति निरीक्षक से मुलाकात करवा दूँ जिससे जांच मे दिक्कत न हो। जिसकी काल रिकार्डिंग उसके पास उपलब्ध है। इस कारनामे से जुड़ा ऑडियो वायरल होने से पूर्ति विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कोटे की दुकान की शिकायत बीते जुलाई में की गई थी तब से विभाग जांच के नाम पर लीपोपोती करने में जुटा है।

वहीं ग्रामीणों में इस मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी कृष्ण गोपाल पाण्डेय से वार्ता करने हेतु दूरभाष के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।

 

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