धूम धाम से मना जश्ने यौम उन नबी

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जौनपुर : हजरत मोहम्मद पैगंबर के जन्म उत्सव के अवसर पर जौनपुर में गांव से लेकर शहर तक हर तरफ धूम मची रही।
शहर में भी मछली शहर पड़ाव शाही ईदगाह से लेकर कोतवाली,नवाब यूसुफ रोड ,सब्जी मंडी ,बड़ी मस्जिद रोड किला रोड, सिपाह रोड से लेकर लगभग सभी प्रमुख गलियों को स्थानीय लोगों ने रात दिन मेहनत कर सजाया गया हर तरफ रंग बिरंगी लाइट और सजावट देखते ही बन रही थी।
शाही अटाला मस्जिद को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
लोग दूर दराज ग्रामिण इलाको से लेकर दूसरे जिलों से भी जौनपुर का बारावफात का मेला देखने आते है।

इस मौके पर रियाजुल हक इस्लामिक चीजों के जानकार ने बताया की इस्लाम आदम अलैहिस्सलाम से लेकर मोहम्मद पैगंबर सा0 पर आकर खात्मे नबूवत पर रुक जाता है।यह वो आखरी रसूल है इन पर अवतरित आखरी किताब कुरान है।
इस्लामी महीने रबीउल अव्वल के 12 तारीख को हुजूर साहब मोहम्मद पैगंबर का जन्म आमिना के घर पर हुआ ,हजरत अब्दुल्ला इनके पिता का नाम था।

जब इनका जन्म अरब में हुआ था तब वहा के समाज में बहुत सारी कुरीतिया व बहुदेववाद आदि फेला था ,लड़की
पैदा होते ही जिंदा दफन कर दी जाती थी।ऐसे समाज में एक ईश्वर वाद और हर बुराई से रोकना आसान नहीं था ।

लेकिन धीरे धीरे हर बुराई को समूल नष्ट हुजूर ने बड़े ही हिक्मत से किया।इस मौके पर शाही ईदगाह से अखाड़े में नात पढ़ने वाली अंजुमन का एक जुलूस रवाना हुआ जो रात भर में ओलंदगंज से जहागीराबाद होता हुआ शाही पुल, चाहरसू चौराहा से हरलालका रोड से कोतवाली होता हुआ अल्फस्टीगंज से शाही अटाला पर एक जलसे में तब्दील हो गया ।
जुलसू में मुख्य रूप से मास्टर मेराज अहमद,मरकजी सीरत कमेटी के महासचिव अकरम मंसूरी, वरिष्ठ नेता अनवारूल हक गुड्डू,मोहम्मद शोएब अच्छू,नेयाज ताहिर शेखू,कमालुद्दीन अंसारी,अजीज फरीदी,ताज मोहम्मद,नुर्रुद्दीन ,आदि मौजूद रहे।

 

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