डीएम के आदेश पर हुई जांच में मिली थी अनियमितता,लेकिन कोटेदार को बचाने में लगे थे जिम्मेदार।
पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार के एक कोटेदार को बचाने की साज़िश रचने के कारनामे से जुड़े आडियो के वायरल होने से जिम्मेदारों की कार्यशैली पर उठ रहे थे गंभीर सवाल।
कर्नलगंज, गोण्डा। सरकार के जीरो टालरेंस नीति की धज्जियाँ उड़ा रहे भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे तहसील कर्नलगंज क्षेत्र के कटरा बाजार के नवागत पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार के एक कोटेदार को बचाने की साज़िश रचने के कारनामे से जुड़े आडियो के वायरल होने की खबर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने से विभाग की काफी फजीहत होने और गले की फांस बनते देखकर आखिरकार जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर कटरा बाजार विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम कोटिया मदारा की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान को अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया है। इस दुकान को गांव के ही दूसरे कोटेदार विजय कुमार के यहां अटैच कर दिया गया। बता दें कि जून माह में तहसील दिवस के दिन कोटिया मदारा के कोटेदार द्वारा कम खाद्यान्न बांटने को लेकर जिलाधिकारी गोंडा से इसकी शिकायत की गई थी। इसे लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा था। यही नहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह आए दिन इस तरह की हरकत करता रहता है।
इस पर डीएम ने तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक सुनील दिवाकर से इसकी जांच कराई। पूर्ति निरीक्षक ने इसकी जांच कर रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी। इस पर एसडीएम ने कोटे की दुकान की जांच पुनः एआरओ को सौंप दी,एआरओ के जांच के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर दुकान को निलंबित कर दिया गया। इसके संबंध में कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई थी। बाद में डीएम के चौपाल में शिकायत करने पर मामले की जांच एसडीएम को सौंपी गई थी। ग्राम कोटिया मदारा के दीपनरायन शुक्ला उर्फ दीपक व अन्य लोगों ने ग्राम पंचायत के कोटेदार के विरुद्ध शिकायत कर उचित दर विक्रेता मंजू देवी की मार्कशीट फर्जी होने तथा राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न कम देकर घटतौली करने एवं अन्त्योदय/पात्र गृहस्थी योजना के कार्ड धारकों को ई-पॉस मशीन से निकली पर्ची उपलब्ध ना कराये जाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बीते जुलाई में हुई जांच में अनियमितता भी पाई गई थी। उल्लेखनीय है कि जांच में कतिपय कार्डधारकों द्वारा कम मात्रा में खाद्यान्न प्राप्त होना बताया गया था तथा विक्रेता द्वारा ई-पॉस मशीन से मिलने वाली पर्ची कार्डधारकों को ना दिए जाने के सम्बन्ध में कोई उत्तर नहीं दिया गया। डीएम के आदेश पर हुई जांच में मिली अनियमितताओं के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कोटेदार को बचाने में लगे थे।
ग्रामीण कई माह से कोटेदार के विरुद्ध शिकायत कर रहे थे लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं लगाई जा रही थी। हाल ही में इसी मामले में कटरा बाजार के नवागत पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार के कारनामे से जुड़ा एक ऑडियो भी वायरल हुआ जिसमें पूर्ति निरीक्षक शिकायतकर्ताओं और मीडिया कर्मियों को फंसाने की सलाह दे रहे थे। ऑडियो वायरल होने से कोटे की दुकान के जांच के बाबत बचाव का जुगाड़ बताने और षड्यंत्र रचने में पूर्ति निरीक्षक घिर गए थे और विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। इस मामले को लेकर कोटिया मदारा गांव के निवासी दीपनारायन शुक्ला उर्फ दीपक ने डीएम को पत्र देकर पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने की मांग की थी। इस संबंध में समाचार पत्र में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित हुई थी।
जिससे पूर्ति विभाग के जिम्मेदारों की काफी फजीहत हुई थी। इससे साफ पता चल रहा है कि कोटेदार को बचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कितना प्रयास किया जा रहा था। लोगों का कहना है कि यदि यह रिकॉर्डिंग नहीं मिलती तो किसी भी कीमत पर दुकान निलंबित नहीं होती। डीएसओ कृष्ण गोपाल पाण्डेय ने बताया कि एसडीएम की रिपोर्ट पर डीएम के अनुमोदन के बाद कोटे की दुकान को निलंबित किया गया है। इस दुकान को गांव के ही दूसरे कोटेदार विजय कुमार के यहां अटैच कर दिया गया है।