ग्राम पंचायत वजीरगंज जहाँ, बजबजाती नालियों पर बजती हैं तालियाँ

तमगे के उलट,विकास में फिसड्डी आईएसओ प्रमाणित व आदर्श ग्रामपंचायत में बह रही है भ्रष्टाचार की गंगा। पंचायत भवन के ही मुख्य द्वार पर अगल-बगल बड़ी-बड़ी घासें और कूड़े इसकी बदहाली की कहानी बयाँ करने के लिये काफी

0 46

गोण्डा। आईएसओ प्रमाणित आदर्श ग्राम पंचायत वजीरगंज सिर्फ नाम की ही आदर्श है,इसके पीछे की हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है। जहाँ भ्रष्टाचार के चलते ना तो जल निकासी की समुचित व्यवस्था है और ना ही कूड़े को ठिकाने लगाने की। जिसके चलते यहाँ के आम रास्ते कूड़ाघर व नालियों में तब्दील हो गये हैं। ग्राम पंचायत भवन के ही मुख्य द्वार पर अगल-बगल बड़ी-बड़ी घासें और कूड़े इसकी बदहाली की कहानी बयाँ करने के लिये काफी है और आदर्श ग्रामपंचायत में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। बावजूद इसके जहाँ इस ग्राम पंचायत के प्रधान शुशील जायसवाल तमगा लिये जिले के उच्चाधिकारियों संग फोटो खिंचवाते हुये अपनी वाह-वाहियों में मशगूल हैं,वहीं बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे इस ग्राम पंचायत के अधिकांश लोगों को कब कूड़े-कचरे व बजबजाती नालियों से निजात मिलेगी व अपने नाम के अनुरूप कब इस ग्रामपंचायत को अपना आदर्श रुप मिलेगा,लंबे अर्से से यहाँ के निवासी इसकी बाट जोह रहे हैं।


अयोध्या-गोण्डा हाइवे पर स्थित जिले की इस ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत की बदहाली व यहाँ हो रहे भ्रष्टाचार पर ध्यान न तो इधर से अक्सर गुजरने वाले बड़े-बड़े अधिकारी दे रहे हैं,और न ही यहाँ का स्थानीय प्रशासन। जिसकी वजह से इसके विकास का रुपया पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।जिसका खामियाजा यहाँ के लोग भुगतने को मजबूर हैं।

बजबजाती नालियाँ स्वच्छता अभियान को दिखा रहीं ठेंगा।

वजीरगंज ग्रामपंचायत में सरकार व शासन का स्वचछता अभियान मजाक बनकर रह गया है।जिसकी गवाह हैं जगह-जगह कूड़े-करकट से पटी बजबजा रहीं नालियाँ। जिसके चलते मुहल्ले नर्क बन गये हैं।जिसको देखने व सुनने वाला कोई नहीं है।

सेल्फी प्वाइंट,जहरीले कीड़ों व नशेड़ियों के लिये बना मुफीद।

मुख्यालय की तर्ज पर पंचायत भवन के बगल बना सेल्फी-प्वाइंट पर सेल्फी लेने तो कोई जाता नहीं,अलबत्ता उसके अंदर उगी बड़ी-बड़ी घासें जहरीले जीवों की शरणस्थली जरुर बन गई है। इसी के साथ रात के सन्नाटे में यह नशेड़ियों के लिये भी मुफीद जगह में तब्दील हो जाता है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ अफसरों को प्रभावित करने का प्रयास है। ग्रामपंचायत में जलनिकासी,सड़क,कूड़े व साफ-सफाई जैसी कार्यों में पैसा न लगाकर निरर्थक सेल्फी-प्वाइंट का निर्माण कराकर सिर्फ सरकारी धन का बन्दरबाँट किया गया है।

बदहाल है कूड़ाघर व जल संरक्षण स्थल।

ग्राम प्रधान के बनवाये कूड़ा घर में कूड़ा नहीं डाला जाता,बल्कि प्रधान ग्रामपंचायत की कूड़ागाड़ी से अपने निजी कार्य करवाता है।जिससे जगह-जगह पसरा कूड़ा- कचरा वातावरण प्रदूषित करने का कार्य कर रहा है। हालांकि स्वच्छता अभियान के लिये निकले तत्कालीन एडीओ पंचायत रवि मिश्रा से लोगों ने इसकी शिकायत भी की थी जिस पर उन्होंने प्रधान को फटकार भी लगाई थी,जो मीडिया की सुर्खियाँ भी बनीं थी। इसी के साथ बारादरी मार्ग पर कालीस्थान के सामने झील से सटाकर बनाये गये जल संरक्षण स्थल बड़ी-बड़ी झाड़ियों से पटे पड़े है,जिसका कोई पुरुसाहाल नहीं है।

जल-निकासी न होने से सड़क पर कीचड़ व जलभराव।

कस्बे से सटे गिरधारीपुरवा में बनाये गये मानकविहीन नाली के चलते आवागमन के रास्तों पर कीचड़ के साथ जलभराव रहता है।जिसके चलते उन रास्तों से गुजरने वाले लोग अक्सर उसमें गिरकर चोटिल भी होते रहते हैं। इसी के साथ इस सीजन में इस कीचड़युक्त जलभराव से वहाँ संक्रामक बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। जिसको देखने व सुनने वाला कोई नहीं है।

निष्प्रयोज्य है प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र,व बस स्टैंड।

ग्रामपंचायत से एकत्रित हुये कूड़े-कचरों से प्लास्टिक अपशिष्ट को कुशल और सटीक रूप से नवीन उत्पादों में परिवर्तित कर उसे बेहतर व पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से लग़ाया गया प्लान्ट पूरी तरह से निष्प्रयोज्य है तथा वहाँ लगाई गई मशीन लंबे अर्से से धूल फाँक रही है। इसी तरह सीएचसी के गेट से शौचालय के सामने बनाये गये बस स्टैंड प्राइवेट पार्किंग बन चुकी है।

ओडीएफ प्लस गाँवों व मुख्यमंत्री पुरस्कार का रुपया चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट ग्राम पंचायत के ओडीएफ प्लस गाँवों के लिये मिले लगभग एक करोड़ व मुख्यमंत्री पुरस्कार के तीस लाख रुपए का पूरी तरह से दुरुपयोग करने की जानकारी विभागीय सूत्रों से मिली है,जिसकी जाँच किये जाने की आवश्यकता बताई जा रही है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.