विधवा व वृद्धा पेंशन समय से न मिलने पर लाभार्थियों में आक्रोश

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जौनपुर। जिला प्रोबेशन अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मंशा के ठीक विपरीत कार्य करना अपना दायित्व समझ बैठे हैं। जिसके चलते वर्षों से कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा की जा रही मनमानी के चलते रुकी विधवा एवं वृद्धा पेंशन की धनराशि पाने की गरज से सैकड़ों परेशान हाल पेंशन लाभार्थियों को संबंधित बैंकों और प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाते हुए कभी भी देखा जा सकता है। इसके बाद भी अधिकारी एवं कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजता है। इतना ही नहीं कई बार कार्यालय का चक्कर लगाने के पश्चात एक एक करके नए नए शासनादेश के नियमों की दुहाई दी जाती है। कभी केवाईसी के नाम पर तो कभी डीबीटी/एनपीसीआई के नाम पर तो कभी आधार कार्ड को अपडेट करवाने के नाम पर बैंक और कार्यालय का चक्कर लगवाने के साथ ही कहा जाता है कि सभासद से जीवित प्रमाण पत्र उसके पैड पर लिखवा कर लेकर आओ। कभी कार्यालय की दीवार पर यह लिखा पोस्टर चस्पा कर दिया जाता है कि विधवा पेंशन की साइट अभी बंद है। इसके बाद जब उनके बताए हुए नियमों के मुताबिक सब कुछ किसी न किसी के माध्यम से काफी मशक्कत के बाद सारी शर्तों की खानापूर्ति करवाने के पश्चात पेंशन लाभार्थी को प्रोबेशन कार्यालय पुनः पहुंचने पर कह दिया जाता है कि रुकी हुई एक मुश्त सारी पेंशन की धनराशि खाते में अब पहुंच जाएगी। इसके लिए भी एक एक माह करके तीन से चार माह रटा रटाया शब्द कहकर परेशान हाल पेंशन लाभार्थियों को टरका दिए जाने का कार्य किया जा रहा। जिसके चलते निर्धन, असहाय पेंशन लाभार्थी कभी प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय तो कभी बैंक का चक्कर लगाते रहने के बाद भी जब धनराशि नहीं मिल पाती है तो मायूस होकर एक दूसरे भुक्त भोगी पेंशन लाभार्थी कर्मचारियों के कृत्यों की चर्चा करते हुए विभाग की ऐसी लचर व्यवस्था को कोस कर आक्रोशित होकर स्वयं द्वारा ऐसे कर्मचारियों का कुछ न कर पाने की सूरत को महसूस करते हुए थक हारकर सब कुछ राम भरोसे छोड़ दिया करते हैं। किसी तरह पेंशन समय से न मिलने के कारण आस पड़ोस के लोगों से उधार एवं कर्ज लेकर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विवश होते है।

मिसाल के तौर पर देखा जाए तो शहर के मोहल्ला उर्दू बाजार निवासी एक वृद्ध महिला उम्र लगभग 80 से 85 वर्ष सरकार द्वारा दी जा रही वृद्धा पेंशन पर पूरी तरह आश्रित है। उसको सन 2022 छठे माह के बाद से अब तक विधवा पेंशन लाभार्थी के रूप में मिलने वाली धनराशि जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय कर्मचारियों द्वारा बताए गए संबंधित सारे नियमों की जुलाई माह में पूर्ति करने के बाद भी धनराशि खाते में नहीं भेजी गई है। जिसके चलते वृद्ध महिला की दयनीय हालात देखकर सहयोग में क्षेत्र के कई लोग यह पता लगाने के लिए जाते हैं कि आखिर क्यों अब तक पेंशन की धनराशि खाते में नहीं पहुंच पाई है। इसके जवाब में कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा यह कह दिया जाता है कि सारी रुकी हुई पेंशन धनराशि एक मुश्त मिल जाएगी, परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यह कहने का सिलसिला गुजरे कई माह से चल रहा है। जो माह पेंशन धनराशि खाते में पहुंचने का बताया गया है उस माह के गुज़र जाने के बाद पुनः पहुंचने वालों से कहा जा रहा है कि कार्यालय कर्मचारियों द्वारा जितने भी पेंशन लाभार्थी की पेंशन धनराशि अब तक रुकी थी सभी के खातों में भेजी जा चुकी है। साल के आखिरी माह दिसंबर में सभी के खातों में पेंशन धनराशि पहुंच जाएगी। अब यहां पर सवाल यह उठता है जो पूरी तरह पेंशन की धनराशि पर ही आश्रित हो और उसे लगभग 2 वर्षों से पेंशन की धनराशि ना मिली हो उसे किन-किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता होगा, यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं। ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है। ऐसे सैकड़ों मामले होंगे जिसके लिए लोग जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय का चक्कर काट काट कर थक हार गए होंगे, यह एक जांच का विषय है। अगर इस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की संबंधित अधिकारी द्वारा जांच पड़ताल की जाए तो अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा किस प्रकार से संबंधित दायित्यवों का निर्वाहन किया जा रहा है यह बहुत ही आसान तरीके से उभर कर सामने आ जाएगा। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब सब कुछ ऑनलाइन है, मेरे द्वारा कुछ भी नहीं रोका जाता। शासनादेश के ही मुताबिक काम किया जाता है।

जब कि सरकार की इस संबंध में मंशा की बात करें तो महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता, ख़ासकर जिनके पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद, उनके अच्छे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। इसलिए, भारत सरकार ने गंभीर आर्थिक संकट में जी रही विधवा महिलाओं को पेंशन देकर उनके जीवन को सशक्त बनाने का फ़ैसला किया है। यह तो बात रही राज्य सरकारों की। केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों में उनके फ़ायदे के लिए विधवा पेंशन योजना या विडो पेंशन स्कीम शुरू की है। यहां विधवा पेंशन योजना के बारे में विस्तार से बताया गया है कि विधावा पेंशन योजना क्या है? विधवा पेंशन योजना एक विडो पेंशन स्कीम है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है जिसमे पति की मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहने वाली विधवाओं को अपनी आजीविका का प्रबंधन करने के लिए एक निश्चित, रेगुलर मंथली इनकम के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता और आवेदन की प्रक्रिया सभी राज्यों के बीच अलग-अलग होती है। मंथली पेंशन से गरीब विधवाओं को जीविका कमाने, अपने ऊपर भरोसा रखने और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी। हालांकि विधवा महिला की मृत्यु के बाद उसके बच्चे या परिवार का कोई अन्य सदस्य उसकी पेंशन का लाभ पाने हकदार नहीं होता है। इस जटिल समस्या की तरफ जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

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