जौनपुर। छात्रा के साथ छेड़खानी के मामले में डॉ० सुधीर उपाध्याय के बचाव में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ जौनपुर उतर गया है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ० सी०बी० पाठक ने कहा है कि डॉ० सुधीर उपाध्याय एक संविदा शिक्षक हैं और संविदा की नौकरी में रहते हुए भी शैक्षणिक जगत में विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में अपनी योग्यता के बल पर स्थान बनाया तथा अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में आए दिन उनके शोध पत्र छपते रहे हैं, जिसके चलते दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाधिपति राज्यपाल महोदय ने भी उक्त शिक्षक की तारीफ की थी। डॉक्टर सुधीर उपाध्याय को विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में रूस के एक विश्वविद्यालय में जाने का मौका मिला उनके प्रयास से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साथ रूस के विश्वविद्यालय का एम ओ यू हुआ और उन्हें पुन: विदेश जाने का अवसर मिला हुआ था। उनकी लगातार शैक्षणिक जगत में मिल रही सफलताओं व कुलपति के नजर में एक योग्य शिक्षक के तौर पर उनकी बढ़ रही नजदीकी से विश्वविद्यालय के कुछ लोग जलन रख रहे थे और उन सबने षडयंत्र कर डॉ० सुधीर उपाध्याय को पूरे प्रकरण में फसाया है और उनके कैरियर को सामाजिक रूप से कलंकित कर नष्ट करने का कुचक्र रचा है। हमने विश्वविद्यालय की कुलपति और राज्यपाल महोदय को पूरे घटना की विस्तृत और निष्पक्ष जांच करने हेतु पत्र लिखा है और यह मांग की है कि क्योंकि प्रकरण डॉ० सुधीर उपाध्याय के विभाग से जुड़ी हुई है इसलिए विभाग के विभाग अध्यक्ष तथा छात्र-छात्राओं वह सुधीर उपाध्याय के निर्देशन में शोध कर रहे छात्र-छात्राओं को भी जांच में सम्मिलित किया जाए जिससे असली गुनहगार तक पहुंचा जा सके। शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ अवधेश पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्तमान कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कई लोगों की दुकान बंद कर दी हैं, ईमानदारी से कार्य कर रही हैं, जो कुछ षड्यंत्रकारियों को रास नहीं आ रहा है और समय-समय पर षड्यंत्र और कुचक्र रचकर शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों व विश्वविद्यालय को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं ऐसे षडयंत्रकारियों की पहचान करना अति आवश्यक है, जो विश्वविद्यालय में रहकर विश्वविद्यालय को ही दीमक की तरह चाट रहे हैं। शिक्षक संघ की जिला महामंत्री पारुली सिंह ने कहा है कि डॉ० सुधीर उपाध्याय एक योग्य शिक्षक हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर पूर्वांचल के शिक्षकों और विश्वविद्यालय का नाम भारत में ही नहीं दुनिया में रोशन किया है इसलिए उनके विरुद्ध रची गई साजिश के खिलाफ हम सभी शिक्षक लामबंद हो रहे हैं उनके विरुद्ध एक घिनौना षड्यंत्र रचा गया जिसका पर्दाफाश होना जरूरी है।