उत्तर प्रदेश के जिला अमेठी की एक खौफनाक घटना की देश भर में चर्चा हो रही है। मालूम हो कि छेड़खानी का केस दर्ज कराने को लेकर चंदन वर्मा सोनी ने दलित टीचर सुनिल कुमार के घर में घुस कर उन्हें और उनकी पत्नी दो मासूम बच्चों की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में हत्या में शामिल एक और आरोपी दीपक सोनी को गिरफ्तार कर लिया है जिसके बाद से सोशल मीडिया पर दैनिक जागण ने जब इस बात की पुष्टी की तो कुछ लोगों ने एससी एसटी की आंड़ में दोनों दरिंदों के समर्थन में बोलना शुरू कर दिया। सोनल दुबे हिंमाशू नामक एक कमेंटर ने लिखा कि एससी एसटी के दुरूपयोग की वजह से एैसी घटना घटित हुई है। कमेंटर समेत एक और कमेंटर राजेश व्यास का कहना है कि एससी एसटी में किसी निर्दोष को फसाया जाएगा तो वो एैसी घटना कारित करेगा ही। एक तरफ चंदन ने 5 अक्टूबर को कुबुल किया कि उसका शिक्षक की पत्नी से कोई संबंध नहीं है। उसने छेड़खानी की थी जिसको लेकर शिक्षक की पत्नी ने पुलिस में केस दर्ज करवाया था। अब सवाल ये उठता है कि छेड़छाड़ का केस हत्या से पहले दर्ज करवाया गया। दूसरी तरफ अपराधी का साथ देने वालों को बेकसूर दो बच्चे और शिक्षक क्यों नहीं दिखें। एक तरफ दोनों दूसरों को अपराधी बचाने वाला बताते हैं तो वहीं दूसरी तरफ चार लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले दरिंदे को बेकसूर साबित करने में लगे हुए हैं। हालाकि इस तरह हत्यारे के समर्थन में बोलना शर्मनाक है।