कोटेदार की अनियमितताओं को लेकर जांच अधिकारियों पर मिलीभगत का गंभीर आरोप

मंडलायुक्त से संपूर्ण मामले की गहनता से निष्पक्ष जांच व कार्यवाही की हुई मांग

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कर्नलगंज,गोण्डा। तहसील के कटरा बाजार क्षेत्र अंतर्गत एक गांव की कोटेदार मंजू देवी पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामला विकास खण्ड कटरा बाजार के ग्राम पंचायत कोटिया मदारा से जुड़ा है,जहां के निवासी दीप नारायण शुक्ला पुत्र चुनमुन शुक्ला ने मंडलायुक्त देवी पाटन मंडल गोण्डा को एक प्रार्थना पत्र भेजकर कोटेदार, पूर्ति निरीक्षक और एआरओ के बीच मिलीभगत होने की जांच की मांग की है। इस शिकायत में घटतौली, फर्जी दस्तावेज और सरकारी राशन को गबन करने के कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।महिला कोटेदार पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर कोटे की दुकान लेने का आरोप है। शिकायतकर्ता दीप नारायण शुक्ला ने अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि कोटेदार मंजू देवी ने फर्जी मार्कशीट का उपयोग करके कोटे की दुकान हासिल की है। शिकायत के अनुसार ओम साई नाथ एसआर सेकेंडरी स्कूल खरिया कासगंज के माध्यम से मध्य प्रदेश बोर्ड की फर्जी मार्कशीट पेश की गई थी। इस फर्जीवाड़े के बाद कोटेदार मंजू देवी पर भारी अनियमितताओं और घटतौली का आरोप भी लगा है,जिससे कई ग्रामीणों का हक मारा जा रहा है।

सम्पूर्ण समाधान दिवस में की गई शिकायत,लेकिन जांच में देरी

दीप नारायण शुक्ला ने 15 जून 2024 को सम्पूर्ण समाधान दिवस में इस मामले की शिकायत की थी,जिसके बाद तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक सुनील दिवाकर ने 27 जुलाई 2024 को अपनी रिपोर्ट में अनियमितताओं की पुष्टि की। उन्होंने कोटेदार से मार्कशीट और टीसी सर्टिफिकेट के साक्ष्य मांगे थे,लेकिन अब तक कोटेदार मंजू देवी ने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है।

एआरओ पर मिलीभगत का आरोप,जांच में पक्षपात की आशंका

शिकायतकर्ता का कहना है कि 30 अगस्त 2024 को एआरओ रामशरन ने कोटेदार मंजू देवी के साथ सांठगांठ करते हुए गांव से 5 किलोमीटर दूर दुबहा बाजार में जांच की। जांच के दौरान चार लोगों को बुलाकर प्रलोभन देकर कोटेदार के पक्ष में शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए। इस मामले में उनका कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया कोटेदार को बचाने के लिए की गई और सही तरीके से जांच नहीं की गई।

पूर्ति निरीक्षक पर षड्यंत्र रचने का आरोप,कॉल रिकॉर्डिंग का साक्ष्य

शिकायतकर्ता ने नवागत पूर्ति निरीक्षक कटरा बाजार अनुज कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया कि पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार ने फोन पर शिकायतकर्ता को कोटेदार समझकर कहा कि एसडीएम साहब ने कहा है कि पत्रकारों व शिकायतकर्ता के खिलाफ दलाली का शिकायती पत्र देकर मीडिया बाजी करा दो,ताकि दोनों पक्षों की लड़ाई में मामला दब जाए। इस संदर्भ में उसके पास पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार की कॉल रिकॉर्डिंग का साक्ष्य मौजूद है,जिसे जांच के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।

कोटेदार के परिवार के सदस्यों के नाम से बने फर्जी राशन कार्ड से सरकारी राशन की लूट

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि कोटेदार मंजू देवी ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम से चार फर्जी अंत्योदय राशन कार्ड बनवा रखे हैं। इसमें उनके पति,देवर और ननद के नाम शामिल हैं,जिनके नाम पर फर्जी राशन कार्ड बनाकर गरीबों का हक छीना जा रहा है। गांव का एक व्यक्ति श्याम मनोहर तिवारी जो की 2005 में अपनी पूरी सम्पत्ति बेचकर दिल्ली चला गया था उसके नाम से भी फर्जी अंत्योदय राशन कार्ड बनाकर और अपने पुत्र सचिन व पुत्री शिवानी का नाम जोड़कर सरकारी अनाज हड़पा जा रहा है।

एआरओ द्वारा फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप

एआरओ रामशरन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जांच आख्या रिपोर्ट में कोटेदार के साथ मिलीभगत करते हुए भ्रमित जानकारी दी है। रिपोर्ट में बयान देने वाले और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों के नाम गलत तरीके से प्रस्तुत किए गए हैं,जिससे कोटेदार को बचाने की पूरी कोशिश की गई है। शिकायत कर्ता दीपनारायण शुक्ला ने मंडलायुक्त से संपूर्ण प्रकरण की गहनता से उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। उन्होंने पूर्ति निरीक्षक की कॉल रिकॉर्डिंग और एआरओ की रिपोर्ट की जांच कराने की भी मांग की है,ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। यह भी कहा है कि यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की गई,तो गरीबों का हक लगातार मारा जाएगा।

ग्रामीणों में आक्रोश,प्रशासन से निष्पक्ष कार्यवाही की उम्मीद

ग्राम पंचायत कोटिया मदारा के ग्रामीणों में इस पूरे मामले को लेकर भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में जल्द और सही कार्रवाई नहीं की,तो वे उच्चाधिकारियों से संपर्क करेंगे। इस मामले ने प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं,और अब देखना यह होगा कि मंडलायुक्त इस पर क्या कदम उठाते हैं।

 

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