रत्नेश हत्याकांड मे 4 आरोपी को पाँच-पाँच वर्ष के कारावास व 25-25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया

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जौनपुर। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर)एफटीसी प्रथम सुरेंद्र प्रताप यादव की अदालत ने गैंगस्टर मामले में दोषसिद्ध पाते हुए दो सगे अध्यापक भाइयों सहित चार आरोपियों को पाँच-पाँच वर्ष के कारावास व 25-25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन कथानक के अनुसार रामपुर थाना क्षेत्र के दमोदरा गांव निवासी दिनेश सिंह व उमेश सिंह पुत्रगण रवि नाथ सिंह तथा भूपेंद्र सिंह व शैलेंद्र सिंह उर्फ बब्बू एक संगठित गिरोह बनाकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं।

समाज में लोग भयवश उनके विरुद्ध न तो मुकदमा ही पंजीकृत करवाते हैं और न ही गवाही देने की हिम्मत कर पाते हैं। दमोदरा गांव निवासी अखिलेश तिवारी ने न्यायालय के समक्ष अपने बयान में कहा कि 8 मार्च 2004 को सुबह 6:00 बजे आरोपी गण उनके पिता त्रिलोकीनाथ तिवारी व भाई रत्नेश तिवारी के ऊपर लाठी, डंडा, सरिया से आक्रमण करके बुरी तरह घायल कर दिए। बीच बचाव करने के लिए पहुंचे अखिलेश तिवारी को भी सरिया से मार कर उनका सिर फोड़ दिया। दौरान इलाज रत्नेश तिवारी की मौत हो गई और त्रिलोकीनाथ तिवारी के हाथ व पैर बुरी तरह टूट गए थे।

उक्त मामले में चारों हत्यारोपियों को न्यायालय द्वारा पूर्व में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई जा चुकी है। अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक राम प्रकाश सिंह ने न्यायालय से अधिकतम दंड देने का आग्रह किया, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि आरोपीगण शिक्षक हैं और उनकी लड़कियों का शादी विवाह होना है इसलिए कम से कम दंड से दंडित किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपी दिनेश सिंह, उमेश सिंह, भूपेंद्र सिंह व शैलेंद्र सिंह को पाँच-पाँच वर्ष के कारावास व 25-25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त कैद होगी।

 

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