मटरू विन्द के आत्म हत्या की पुलिसिया कहांनी पर उठ रहे है सवाल, न्यायिक जांच की मांग

मृतक की बेटी पूजा और पत्नी झिनका खुद पुलिस पर लगा रही है हत्या का आरोप

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जौनपुर। जनपद मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूरी पर स्थित थाना शाहगंज परिसर के शौचालय में पुलिस अभिरक्षा के अभियुक्त उचक्कागिरी के आरोपी 52 वर्षीय मटरू विन्द पुत्र स्व सहदेव विन्द निवासी बढ़ौना की मौत के मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों की कहांनी और मृतक के परिवार पत्नी और बेटी सहित ग्रामीण जनो के बयानात तथा थाने के अन्दर की परिस्थितियां पुलिस को शक और सवालो के कटघरे में खड़ा कर रही है। हलांकि समाजवादी पार्टी के सांसद बाबूसिंह कुशवाहा सहित सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई ने इस घटना को लेकर न्यायिक जांच की मांग उठाई है ताकि घटना का असली सच समाज के सामने आ सके।

यहां बता दें कि शाहगंज की पुलिस ने मटरू विन्द पुत्र स्व सहदेव विन्द निवासी बढ़ौना को थाना सरपतहां क्षेत्र स्थित ग्राम गजरिया निवासी की शिकायत पर 35 हजार रुपए की उचक्कागिरी के आरोप में 18 अक्टूबर को सायंकाल गिरफ्तार कर थाने में बैठा लिया था। 19 अक्टूबर की सुबह उसकी लाश थाने के अन्दर बने शौचालय से फांसी के फन्दे से लटकती हुई बरामद की गई। पुलिस कहती है कि मटरू विन्द सुबह शौच के लिए शौचालय के अन्दर गया और वहीं पर रस्सी के सहारे शौचालय की खिड़की से फन्दा लगाकर आत्म हत्या कर लिया।

यहां पर पुलिस की इस कहांनी पर जन मानस विश्वास नही कर पा रहा है। बता दें शौचालय के दीवार और छत की ऊंचाई कुल छह फिट के आसपास है और जिस खिड़की में रस्सी बांधना बताया गया है उसकी ऊंचाई अधिकतम पांच फुट के आसपास ही है और मटरू विन्द खुद पांच फिट लम्बा है ऐसे में वह कैसे फांसी पर लटका बड़ा सवाल है। जब मटरू विन्द पुलिस की अभिरक्षा में था तो अकेले शौचालय के कक्ष में कैसे गया। थाने के अन्दर उसे रस्सी कैसे मिल गई जबकि नियम है कि गिरफ्तार व्यक्ति का सभी सामान थाने में जमा कराया जाता है जब तक पुलिस अभिरक्षा में रहता है उसकी शख्त निगरानी की जाती है। मृतक मटरू बिन्द लूना बाइक से चलता था जमील ने मोटरसाइकिल के जरिए उचक्कागिरी करना बताया था।
मटरू विन्द के मौत पुलिस अधीक्षक के बयान के मुताबिक सुबह आठ बजे के आसपास हुई थी तो उसके पत्नी और बेटी को पुलिस ने दस बजे के बाद सूचना क्यों दिया आखिर कौन सी कहांनी तैयार की जा रही थी। पत्नी झिनका को जब थाने पर लाया गया उसे उस समय मीडिया के सामने क्यों नहीं आने दिया गया। इतना ही नहीं दिन लगभग दो बजे तक थाना शाहगंज पुलिस बल की छावनी क्यों बना रहा और मीडिया के लोगो का प्रवेश क्यों रोका गया। यह संकेत करता है कि घटना की कहांनी कुछ और ही थी पुलिस ने अपनी स्क्रिप्ट तैयार कर ली इसके बाद सवा एक बजे दिन में एसपी ने अपनी विभागीय मीडिया सेल के जरिए बयान जारी कर घटना का खुलासा किया।

मृतक मटरू बिन्द की लाश पोस्टमार्टम के बाद परिवार जनों को क्यों सुपुर्द नहीं किया गया पुलिस की कड़ी सुरक्षा निगरानी में क्यों जलवा दिया गया यह सब पुलिस को सवालो के कटघरे में खड़ा कर रहा है। हलांकि सायंकाल के समय मृतक मटरू बिन्द की पुत्री पूजा ने अपनी मां झिनका देवी के साथ पुलिस के उपर अपने पिता की हत्या का खुला आरोप लगाते हुए कहा कि हम मां और बेटी को भी मौत के घाट उतार दे। शाहगंज थाने के दो पुलिस कर्मियों ने हमारे पिता की हत्या किया है। पूजा ने कहा हमारे पिता मटरू विन्द राजगीर मिस्त्री (श्रमिक) थे और मजदूरी करके परिवार की जीविका चला रहे थे। पिता की पुलिस द्वारा हत्या किए जाने के बाद अब उसके परिवार मां और बेटी की जीविका कैसे चलेगी।बेटी का बयान आने के पश्चात बढ़ौना गांव के ग्रामीण सहित आसपास गांव के ग्रामीण सड़क पर आ गए और लखनऊ बलिया मार्ग पर चक्का जाम कर दिया लगभग एक घन्टे तक जाम चला फिर पुलिस बल ने अधिकारियों की मौजूदगी में लाठी भांज कर जाम खत्म करा दिया सड़क जाम में महिलाए अधिक तादाद में थी। घटना के दूसरे दिन भी बढ़ौना गांव के आसपास पीएसी बल का पहरा लगा हुआ है।
थाने के पुलिस अभिरक्षा में कथित अभियुक्त मटरू विन्द के मौत की खबर पाने के पश्चात जौनपुर के सांसद बाबूसिंह कुशवाहा ने घटना की निन्दा किया और मटरू बिन्द की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना के बाबत जो परिस्थिति जन्य साक्ष्य है उसके अनुसार पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। शौचालय की ऊंचाई आदि संकेत करती है कि मटरू विन्द की मौत आत्म हत्या नहीं बल्कि हत्या प्रतीत हो रही है। पूरे घटना क्रम की न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि घटना का सच सामने आ सके। मजिस्ट्रियल जांच के बाबत सांसद श्री कुशवाहा का कथन है यह तो सिर्फ घटना के लिपापोती के लिए प्रशासन की चाल है।
इसी क्रम में सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई ने मटरू बिन्द की मौत को लेकर पुलिस को सवालो के कटघरे में खड़ा किया और कहा कि 52 वर्ष का श्रमिक राजगीर मिस्त्री को उचक्कागिरी में फांसना पुलिस की मंशा को साफ बता रही है। ललई ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है कि पुलिस ने ही रात में मटरू विन्द की हत्या कर दी और सुबह उसे आत्म हत्या का स्वरूप देकर सच को दबा दिया है। इस घटना की न्यायिक जांच होने पर ही असली सच सामने आयेगा।  ललई ने कहा जल्द ही पीड़ित परिवार से मिलकर उसके साथ न्याय कराने के लिए सपा के लोग मुद्दे को उपर तक उठाएंगे।
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