बहराइच हिंसा के बीच सोशन मीडिया पर एक विडियों और सामने आया है जहां दंगे को रोकने के लिए तैनात पुलिस कर्मी अपनी जान बचाकर भागते हुए नजर आ रहें हैं। दुकान में लगे सीसीटीवी फोटोस में पाया गया कि एक दरोगा पुलिस जवानों के साथ दंगाईयों को रोकने का प्रयास कर रहें हैं तो वहीं बेखौफ दंगाई उन पर पत्थरबाजी करते हुए दिखाई दे रहें हैं। इस वायरल विडियों से लोगों ने सवाल खड़ा किया कि साजिश के तहत दंगे करवा कर इनका मकसद ही दंगे करवाना और लोगों के किमती समानों को भी तोड़ना था। शुरूआती दंगे में सीएम योगी ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भेजा था जिनकी विडियों हाथ में गन लिया दंगाईयों को रोकते हुए सामने आई है।
इस विडियों के बाद से यह ज्ञात होता है कि पुलिस ने पहले इन दंगाईयों को गन दिखाकर डराया लेकिन उसके बाद भी पत्थरबाजी न रूकने पर वह पीछे हट जाती है। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले इन दंगाईयों को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन पुलिस आखिर क्यों मजबूर होकर इन दंगाईयों से पीछ हट गई यह अपने में एक सवालिया निशान बना हुआ है। कुछ दिन पूर्व में एक विडियों वायरल हुई जिसमें दो दंगाई सबुरी और प्रेम खुलेआम कैमरे के सामने धमकी देते हुए कहते हैं कि मात्र 2 मिनट के लिए पुलिस हटा दी गई थी। कुछ लोगों की गद्दारी के कारण रूकना पड़ा नहीं तो बहाईच का पूरा महराजगंज खत्म कर दिया गया होता। यहां भी इनकी बातों को नोटिस किया जाए तो महराजगंज में हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग रहते हैं। पूरा महराजगंज साफ होने पर मतलब दोनों समुदाय को साफ कर देने जैसा इनका इरादा था। इसका क्या मतलब जिस गोपाल की मौत पर हंगामा हुआ वहीं अपने ही लोगों का भी नुकसान पहुंचाने जैसे काम साफ साफ संदेश देती है कि गोपाल मिश्रा को सिर्फ ढाल बनाकर प्रयोग किया गया।