कोल्ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर रेप का शिकार हुई 15 साल की नाबालिग ने बच्ची को दिया जन्म

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जौनपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला में नाबालिक किशोरी द्वारा नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद नवजात शिशु को नाबालिक प्रसूता की सहमति पर नवजात बच्ची को बेचने के मामले की जांच शुरू होते पूरी घटना की कहांनी ने एक नया मोड़ लेते नजर आ रही है। हलांकि सीएमओ जौनपुर लक्ष्मी सिंह ने पूरे घटना की जांच के लिए चिकित्सको की टीम गठित करते हुए आदेश दिया है कि दो दिवस के अन्दर जांच आख्या प्रस्तुत करें। सीएमओ ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि जांच में जो भी स्वास्थ्य कर्मी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।

यहां बता दे कि नाबालिक प्रसूता के बच्चे को बेचने के मामले की जांच थाना सरायख्वाजा की पुलिस भी कर रही है। पुलिस की जांच शुरू होते ही इस घटना की कहांनी में नया ट्विस्ट आता दिख रहा है। खबर है कि नाबालिक के गरीबी का फायदा उठाते हुए कुछ नर पिचाश लोग अपने पत्नी के डिलीवरी का बहाना बनाते हुए नाबालिक को एक साल पूर्व दिल्ली ले गये और वहीं पर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश कर उसके साथ रेप किया था।

विगत नौ माह पूर्व उसके साथ हुए रेप के दौरान ही वह गर्भवती हो गई थी। उसके साथ बेहोश कर रेप किया गया था जिसके कारण होश में आने के बाद वह कुछ समझ नही सकी लेकिन घटना के चार महीने बाद पता चला को गर्भवती हो गई है इसके बाद दिल्ली ले जाने वाले लोगों ने कुछ पैसे देकर चुप करा दिया। उसके बाद वह गरीबी के चलते अपने गर्भ का सौदा की है। नाबालिक प्रसूता का भी बयान आ गया कि नौकरी और पैसे की लालच में नर पिचासो के चंगुल में फंस गई और दुष्कर्म का शिकार हो गई इसके बाबत थाना सरायख्वाजा में एक महिला एवं दो युवको सभी नरपिचासो के खिलाफ शिकायती पत्र दिया है। पीड़िता की शिकायत पर तीन लोग पुलिस हिरासत में है पूछ-ताछ चल रही है।

यहां बता दें कि 28 अक्टूबर को करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नाबालिक किशोरी प्रसूता की डिलीवरी करायी गयी उसने एक नवजात शिशु बच्ची को जन्म दिया प्रसूता की सहमति लेकर नर्स और दायी ने मिलकर दस हजार रुपए में बेंच दिया। बच्ची को खरीदने वाला व्यक्ति उसे लेकर अपने गांव दुधौरा चला भी गया था लेकिन बाद में नवजात बच्ची कई खरीदार सामने आ गए इसके बाद नवजात के लिए भदेठी की एक आशा भी ग्राहकों को लेकर पहुंच गई। लेकिन, मामला बढ़ता देख वह वहां से खिसक गई। इसके बाद चिकित्सक आनंद प्रकाश ने पुलिस को सूचित कर दिया मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस के दबाव पर नवजात बच्चा फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वापस आ गया।

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने बिना रजिस्टर में दर्ज किए ही प्रसव कराने का कारण पूछा और स्पष्टीकरण मांगा है। उधर, प्रसूता के परिजनों की मानें तो किशोरी ने लोकलाज और पैसों की जरूरत के चलते नवजात को बेचने की बात स्वीकार की। मामले की जानकारी चिकित्सा प्रभारी ने सीएमओ को भी दी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बगैर लिखा पढ़ी किए ही नाबालिक प्रसूता की डिलीवरी करायी और बच्ची को बेचने का काम किया है। जिसे एक बड़ा अपराध माना जा रहा है। अब जब पूरे मामले की जांच शुरू हुई तो नवजात शिशु को बेचने के पीछे की कहांनी नया मोड़ लेती नजर आ रही है। हलांकि अब अपराध कारित करने वाले जेल जायेगे तो स्वास्थ्य कर्मी को भी निलंबित होने की प्रबल संभावना है। नाबालिग विश्वकर्मा जाति की बताई जा रही है।

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