आराध्य देवता भगवान चित्रगुप्त जी का विधि विधान पूर्वक पूजनोत्सव का कार्यक्रम संपन्न किया गया

जन रंजन द्विवेदी ब्यूरो चीफ

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सोनभद्र अखिल भारतीय चित्रांश महासभा जनपद इकाई सोनभद्र के तत्वाधान में विकास नगर स्थित कैंप कार्यालय पर तीन नवंबर दिन रविवार को अपने आराध्य देवता भगवान चित्रगुप्त जी का विधि विधान पूर्वक पूजनोत्सव का कार्यक्रम संपन्न किया गया

जिसमें अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के जिलाध्यक्ष रतन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व के समस्त जीवों के पाप और पूण्य का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त भगवान की महिमा पर प्रकाश डाला और उन्होंने बताया कि भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के संपूर्ण काया से हुई थी।

शास्त्रों में कायस्थ कूल को बुद्धि ,विद्या और लेखन में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है और श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा भी करते हैं प्राय: चित्रगुप्त भगवान का पूजन परंपरागत दिवाली के दो दिन बाद चित्रगुप्त की पूजा की जाती है मान्यताओं के मुताबिक चित्रगुप्त को हिंदुओं के प्रमुख देवताओं में एक माना जाता हैभगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से पैदा हुए हैं और कायस्थ कहे जाएंगे और इनका नाम चित्रगुप्त भगवान से विख्यात होगा।

उन्होंने चित्रगुप्त जी के पूजन का महत्व बताते हुए कहा कि इनका मुख्य कार्य लेखनी को जोड़कर देखा जाता है यही कारण है कि भैया दूज के दिन चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर कलम या लेखनी का पूजन भी किया जाता है श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रगुप्त जी का पूजन करने से बुद्धि विवेक और लिखने का सौभाग्य प्राप्त होता है और उनकी लेखनी से जीवो को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है कार्यक्रम में परमहंस आश्रम के संत स्वामी मुद्रानंद सरस्वती जी महाराज, जिला महामंत्री एडवोकेट अजय श्रीवास्तव, चित्रांश विशाल श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, राजेश,रमेश ,पुनीत ,आशुतोश, राहुल, आयुष, इंजीनियर आकाश, उपनिरीक्षक अमन(यूoपीoपीo), मंगला यादव, उदय सिंह, सृजन, नमन, श्रेष्ठ,यथार्थ व महिला मंडल में नीलम रंजना,बीना, बबीता, संगीता, श्रुति इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

 

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