जौनपुर। शहरी इलाके समेत जनपद में बड़ी तेजी से सोने चांदी की दुकानें धड़ल्ले से खुल रही है। कुछ स्थानों पर तो ऐसा देखने को मिल रहा है कि किराने की दुकान से ज्यादा सोने चांदी की दुकान खुल रही है। और इसका व्यापार करने वाले कुछ लोग दिन दूना रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। मामला कुछ इस प्रकार से प्रकाश में आया है कि कुछ व्यापारियों द्वारा उनकी तरक्की के पीछे एक ऐसा राज प्रकाश में आया है कि इसे सुनकर जेवरातों के शौकीन लोगों के पैर के नीचे से धरती खिसक जाएगी। मामला कुछ इस प्रकार का है कि सोने में एक सोने को बंधेल सोना भी कहा जाता है। उस सोने में किसी में 40% प्रतिशत तो किसी में 60% प्रतिशत सोना रहता है जिसका जेवर तैयार करके सोने के जेवरातों के व्यापारी दिन दुना रात चौगुन तरक्की करते हैं।
अब तो ऐसा प्रतीत होता है कि सोने के जेवरात खरीदने के पूर्व सोने के जेवरात को टंच करने की सामग्री सर्राफा कारोबारी को अपने यहां रखना पड़ेगा तब जाकर ग्राहक को सही सोने के जेवरात उपलब्ध हो पाएंगे। अधिकांश कुछ दुकानदार इस बंधेल होने के जेवरातों को अपने यहां रखकर ब्रांडेड दुकानों से सस्ता बेचकर ग्राहकों को ठगी करने का धंधा बड़ी तेजी से कर रहे हैं। अधिकांश यह जेवरातों को देखने वाले कुछ लोग गांव ग्रामीण में भी अपनी दुकान खोल दिए हैं जो शहर से सस्ता सोने का जेवरात ग्राहकों को बेचकर ठगी कर रहे हैं।
कुछ दिन बाद जब उनका राज खुलने लगता है तो वह दुकान बंद करके वहां से फरार हो जाते हैं। शहरी इलाके के अटाला मस्जिद और चहारसू चौराहा कसेरी कलेक्ट्री कचहरी के पास कुछ दुकानदारों ने बंधेल होने के जेवरातों को बेचने का बड़ा धंधा कर लिया है। अब ग्राहकों को सोने का जेवरात खरीदने के समय टंच करना बहुत जरूरी हो गया है। यदि ग्राहक खरीदे गए जेवरात को बिना टच करायें हुए अपने घर ले जाता है तो इस बात का विश्वास नहीं है कि वह कितने प्रतिशत का सोने का जेवर खरीदा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लगभग पूरी तरह बंधेल सोने के गेवरात की बिक्री की जा रही है। बंधेल सोने के कारोबारी के चक्कर में सही जेवरात देखने वाले कारोबारी भी ग्राहकों की मार तब झेलते हैं जब ग्राहक उनसे सस्ते जेवर कुछ दुकानों पर मिलने की बात करता है। बंधेल सोने से बने जेवरातों पर अगर लगाम नहीं लगती तो यहां इसका धंधा करने वाले दिन धोना रात चौगुन तरक्की कर रहे हैं वही भोले भाले ग्राहक इसका शिकार भी हो रहे हैं। बात कुछ यहां तक भी सही है कि जब वह सस्ता व इनामी जेवर खरीदेंगे तो कहीं ना कहीं उनको ठगी का शिकार होना तय है।