ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के मुख्यालय पर हुआ आयोजन

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जौनपुर। ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के मुख्यालय पर बुधवार को प्रोफेशनल फर्स्ट एड तथा वाउचर फर्स्ट एड ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन हुआ‌। जहां पर सेंट जान एंबुलेंस इंडिया इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी की तरफ से लोगों को घायल, बीमार, गंभीर लोगों को डाक्टर या हास्पिटल तक पहुंचाने से पहले दी जाने वाली प्राथमिक सहायता के बारे में बताया गया।

मास्टर ट्रेनर डॉ आरती श्रीवास्तव ने रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना की स्थितियों, उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड निवासी जीन हेनरी ड्यूनांट ने 1869 में रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना की थी। एक बार वह सोल फेरीनो जा रहे थे जहां पर दो देशों के बीच युद्ध चल रहा था। वहां पर उन्होंने युद्ध में घायल तथा गंभीर हुए लोगों को देखा। वहां पर न तो डॉक्टर था न ही उनकी देखरेख करने वाला। इससे वह बहुत द्रवित हुए। पास में ही एक चर्च था। गांव वालों की मदद से वह घायलों को चर्च लेकर गए जहां उनकी देखरेख और दवा की। वहां से लौटकर उन्होंने प्रबुद्ध शजनों को इकट्ठा किया और युद्ध में घायल हुए लोगों तथा युद्ध बंदियों के मानवाधिकारों के बारे में बात की। यहीं से रेडक्रॉस कमेटी का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी मानवता के लिए काम करती है। युद्ध की स्थितियों में युद्धबंदियों और घायलों की मदद करती है। इस दौरान उन्होंने दुर्घटनावश पाकिस्तान पहुंचे भारतीय भारतीय सेना के कैप्टन अभिनंदन को पाकिस्तान से भारत लाने में उसकी भूमिका के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को डाक्टर आने के पहले या उसे हास्पिटल ले जाने से पहले उपलब्ध संसाधनों से जो पहली सहायता दी जाती है उसे हम फर्स्ट एड कहते हैं। इस दौरान उन्होंने रक्तस्राव, स्वांस नली फंसने सहित कई अन्य स्थितियों फर्स्ट एड के बारे में बताया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय दूबे ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। 17 साल नौकरी करने के बाद भी अभी तक ट्रेनिंग होती रहती है। उन्होंने ट्रेनिंग में मिलने वाली जानकारियों को अपने जीवन में उतारने की सीख दी।

ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संचालक डॉ अंजू सिंह ने क्षेत्र के लिए संस्था के योगदान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 2001 में संस्था का रजिस्ट्रेशन हुआ। इन 25 वर्षों में संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन सहित कई अन्य क्षेत्रों में काम कर रही है। 2004 से 2017 तक संस्था ने डीएमसी के माध्यम से टीबी मरीजों की सहायता की। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देशन में टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण सामाग्री उपलब्ध कराने सहित अन्य तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग कर रही है। अभी तक पांच से छह हजार के करीब टीबी मरीजों को ठीक किया जा चुका है। संस्था गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी सूचीबद्ध होने की स्थिति में है। मेडिकल, नर्सिंग, कटिंग-टेलरिंग सहित अन्य तरह के प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का भी प्रयास कर रही है। इस दौरान अनुराग श्रीवास्तव, संजय सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत कंचन ने गाया।

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