पहाड़ो पे है बर्फबारी, मैदानों में बढ़ी ठारी-विक्रम दयाल

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समुद्र तल से अधिक से अधिक उँचाई वाले स्थानों पर अक्सर बर्फबारी होती रहती है और वे इलाके हर समय मैदानी इलाकों की तुलना में सदा ठंडे ही बने रहते हैं. शरद ऋतु में तो मैदानी क्षेत्रों में और पहाड़ी क्षेत्रों में ठ़ड का ही माहौल बना रहता है. पहाडो़ से लेकर मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले लोग ठंड से बचने के लिए रजाई, कंबल, स्वैटर-मफलर, कोट कंटोप, इत्यादि गर्म ऊनी कपड़ो को पहनने लगते हैं. पहाड़ों पर रहने वाले लोग अपने घरों को गर्म रखने के लिए हीटरों का इस्तेमाल करने लगते हैं. हाथ और पैर को गरम रखने के लिए लकड़ियाँ जला कर लोग रखने लगते हैं. पहाड़ों पर बर्फ पड़ने की वजह से पीने का पानी भी जमने लगते हैं. लोग बर्फ को ही पिघलाकर पीने के लिए पानी तैयार करते हैं. क्यों कि बर्फबारी की वजह से ही सफेद चादर ओढ़े हुए पहाड़, पहाडों पर बने पहाडो लोगों के छोटे बड़े मकान, घर सब बर्फ से ढ़ँक जाते हैं और पेड़ पौधे सब बर्फ से ही एक दो फुट तक ढ़ँके रहते हैं. बर्फबारी के कारण पहाड़ों पर बनी सड़कें और रास्ते भी बर्फ से ही ढ़ँक जाते हैं.

चारो तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देता है. मानों बर्फ की सफेद चादरों में लिपटी पूरी की पूरी पहाड़ी प्रकृति सूर्य की चमक को भी जमीन पर आने के लिए रोके रखी हो. पहाड़ों पर रहने वाले लोगो का जीवन मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कष्टप्रद बन जाता है. शरद ऋतु में पहाड़ जम जाते हैं और मैदानी भाग ठंड से कापने लगते हैं. बर्फबारी का आनंद लेने के लिए उत्तराखंड, जम्बू कश्मीर,श्रीनगर, गांदरवल, सोनमर्ग, हिमांचल प्रदेश इत्यादि ठंडे क्षेत्रों की शैर करने के लिए मैदानी इलाकों से लोग पहाड़ों का आनंद लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग छुट्टियाँ मनााने या शैर करने के लिए जाते रहते हैं. बर्फसे ढ़ँके पहाड़ देखना, बर्फ पर फिसलने जैसे अनेक प्रकार के खेल खेलना, बर्फ से ढ़ँके पेड़ पौधे बाग बगीचे देखने के लिए शैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है. पहाडों पर रहने वाले लोगों को पर्यटन क्षेत्रों से काफी फायदा और कुछ आय का श्रोत भी होजाता है. मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ी क्षेत्रों का जीवन थोड़ा अलग होता है. पहाडों पर रहने वाले लोग ज्यादातर गर्म कपड़े ही पहनते हैं. मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऋतुओं के अनुसार ही कपड़े पहनते है.

आजकल पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जिसके चलते पहाडों पर चारो तरफ बर्फ ही बर्फ दि़खाई देरही है. मैदानी क्षेत्रों में ठ़ड का जोर है और कुहरे के वजह से चारो ओर धुंधला अंधेरा जैसा माहौल बना हुआ है. सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों कीं टक्करें भी होजाया करती है. कहीं दिन में ही रास्ते साफ नही दिखाई पड़ रहे हैं. कहीं कहीं बेमौसम बारिस भी होरही है. शरद ऋतु में मौसमी साग सब्जियाँ, और रवी की फसलों की बहार किसानों की किसानी का बड़ा ही सुंदर दृष्य मन को लुभावने वाला और अच्छी सेहत का खजाना भी कहलाता है!

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