पर ड्राप मोर क्राप माईक्रोइरीगेशन योजनान्तर्गत ड्रिंप/मिनी स्प्रिंकलर व पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से कम पानी में बढ़ रहा उत्पादन
जौनपुर जिला उद्यान अधिकारी डॉ सीमा सिंह राणा द्वारा अवगत कराया गया कि कृषक विजय बहादुर मौर्य ग्राम धर्मापुर विकास खंड धर्मापुर मिनी स्प्रिंकलर 01 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उद्यान विभाग से अनुदान पर लगाया था, जिसमें मटर, लहसुन, पालक, सोया, मेंथी की खेती करता है। अभी मौजूदा समय में उसके पास मटर, लहसुन, सोया, पालक, मेंथी आदि सब्जी लगा है।
कृषक विजय बहादुर मौर्य ने बताया कि मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति की वजह से खेती बहुत आसान हो गई है, खेती की लागत से लगभग 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मिनी स्प्रिंकलर की सिंचाई करने से कीटाणु धुल जाते है, कम से कम दवा/खाद के छिड़काव की आवश्यकता होती है, इसी प्रकार प्रगतिशील किसान राजदेव यादव, ग्राम केशवपुर वि0ख0 सिरकोनी ने 01 हे0 में ड्रिप सिचाई पद्धति का प्रयोग करके खीरा की खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहें है। कृषक द्वारा बताया गया है कि ड्रिप/मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से पानी की बचत होती है, गुणवक्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि प्राप्त होती है।
जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि इस वर्ष ड्रीप सिंचाई पद्धति का लक्ष्य 570 हेक्टेयर, मिनी स्प्रिंकलर 82 हे0, पोर्टेबल स्प्रिंकलर 1049 हे0 एवं लार्ज वाल्यूम (रेंनगन) 220 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त है। जिसके लिए एक हेक्टेयर क्षेत्रफल पर ड्रिप/मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति स्थापित करने पर 90 प्रतिशत का अनुदान लघु सीमांत/सीमांत कृषकों को तथा 80 प्रतिशत का अनुदान सामान्य कृषकों को दिया जाता है। इस प्रकार पोर्टेबल स्प्रिंकलर लार्ज वाल्यूम (रेन गन) का प्रति हेक्टेयर स्थापित करने पर 75 प्रतिशत लघु सीमांत/सीमांत तथा 65 प्रतिशत सामान्य कृषकों को अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कृषकों के प्रक्षेत्र पर सिंचाई व्यवस्था हेतु नलकूप लगा होना चाहिए, आवश्यक प्रपत्र के लिए कृषक की स्वयं की जमीन की खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी एवं एक नवीनतम फोटो पासपोर्ट साइज के साथ किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी जौनपुर में उपस्थित होकर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।