एआई की मदद से व्यक्ति के कदमों में तिरंगा रखकर महौल बिगाड़ने का प्रयास

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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक शख्स बांग्लादेशी झंडे को हाथ में लिए भारतीय तिरंगे पर पैर रखे नजर आ रहा है। यूजर्स इस तस्वीर को सच मानते हुए दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेशी भारतीय तिरंगे का अपमान कर रहे हैं। बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि तिरंगे का अपमान दिखाती यह तस्वीर काल्पनिक है। इसे एआई की मदद से बनाया गया है। इस तस्वीर में सर पर इस्लामी टोपी पहने एक शख्स एक हाथ में बांग्लादेश का झंडा लिए है। वहीं उसके पैरों के नीचे भारत का झंडा देखा जा सकता है। एक्स पर वेरिफाइड दंगाई यूजर चंदन शर्मा ने इसे शेयर करते हुए लिखा। इसे ही नमकहराम कहते हैं. वॉयस ऑफ बंगलादेशी हिंदुज’ नाम के एक हैंडल ने तस्वीर को शेयर कर दावा किया कि तिरंगे का अपमान करने वाला यह शख्स बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का सलाहकार आसिफ महमूद है जिसने हसीना विरोधी आंदोलन का समन्वय किया था। हालांकि इस हैंडल ने बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दिया। इसका आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है। इसके बाद आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने भी अपने एक लेख में आसिफ महमूद की तस्वीर के साथ यही दावा किया। बूम फैक्ट ने यह भी पाया कि सलाहकार आसिफ महमूद का चेहरा वायरल तस्वीर वाले शख्स से मेल नहीं खाता। तिरंगे का अपमान दिखाती यह तस्वीर एआई जनित है इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने एआई डिटेक्टर टूल ट्रूमीडिया पर तस्वीर की जांच की। इस टूल ने तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 प्रतिशत जताई। पुष्टि के लिए हमने तस्वीर को एक अन्य एआई डिटेक्टर टूल पर भी चेक किया। इस टूल के मुताबिक भी तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 फीसदी थी। सलाहकार आसिफ महमूद ने भी अपने एक्स पर इस तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे को लेकर प्रतिक्रिया दी और इसे फर्जी करार दिया।

इस पोस्ट में आसिफ ने लिखा यह आरोप पूरी तरह से झूठा और निराधार है। हम किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हैं। देखा जाए तो इस तरह किसी व्यक्ति के कदमों में भारतीय तिरंगे को पैर के पास लाना एक गहरी साजिश होना बताता है। यह साजिश कोई और नहीं बल्कि संप्रदायिक दावे के साथ टिविट करने वालों की हो सकती है।

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