जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) के सामने सड़क दुर्घटना में घायल हुए डीएमएलटी छात्र दीपचंद्र यादव की इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गई। इस खबर के बाद आक्रोशित छात्रों ने मेडिकल कॉलेज के सामने लुंबिनी-दुद्धी राज्यमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। छात्रों ने प्रशासन और मेडिकल कॉलेज के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क पर घंटों प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हो गया।
सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के जफरपुर गांव निवासी दीपचंद्र यादव शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के सामने एक वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद साथी छात्रों ने तत्काल मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस की मांग की, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। अंततः दोस्तों ने उन्हें ऑटो से जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। छात्रों का आरोप था कि यदि मेडिकल कॉलेज प्रशासन समय पर एंबुलेंस मुहैया कराता, तो दीपचंद्र की जान बच सकती थी। इस लापरवाही के विरोध में छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और प्राचार्य डॉ. रुचिरा सेठी को बुलाने की मांग करने लगे।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण लुंबिनी-दुद्धी राज्यमार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। छात्रों ने किसी को भी रास्ता पार करने नहीं दिया, जिससे मेडिकल कॉलेज की ओपीडी सेवाएं ठप हो गईं। दूर-दराज से आए मरीजों और उनके परिजनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई गंभीर मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही सराय ख्वाजा थाना प्रभारी विनय प्रकाश सिंह, खेतसराय पुलिस और महिला पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने छात्रों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। छात्रों की मुख्य मांगें थीं: मेडिकल कॉलेज के सामने स्पीड ब्रेकर बनाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों। मृतक दीपचंद्र के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
प्राचार्य डॉ. रुचिरा सेठी को तत्काल उनके पद से हटाया जाए।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीओ सदर देवेश सिंह और एसडीएम पवन कुमार मौके पर पहुंचे। वाराणसी से पीडब्लूडी के जूनियर इंजीनियर को बुलाया गया, जिन्होंने शाम तक स्पीड ब्रेकर बनवाने का आश्वासन दिया। घटना की खबर मिलते ही समाजवादी पार्टी के मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव अमित यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की। इस दौरान उनकी थाना प्रभारी से तीखी बहस भी हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर छात्रों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।