टीबी मुक्त अभियान के तहत ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा स्कूली बच्चों को किया गया जागरूक

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छपरा। यक्ष्मा (टीबी) एक गंभीर एवं संक्रमण बीमारी है। जिसका शिकार होने पर लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है। लोगों को यक्ष्मा (टीबी) के प्रति जागरूक करते हुए इससे सुरक्षित रखने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा (टीबी) दिवस मनाया जाता है। जिसको लेकर शहर के एसडीएस पब्लिक स्कूल के परिसर में स्कूली बच्चों के बीच ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान टीबी बीमारी का लक्षण, बचाव और उपचार से संबंधित विस्तृत जानकारी संस्था की संस्थापिका सह सचिव डॉ अंजू सिंह के द्वारा दी गई। जागरूकता कार्यक्रम के तहत उपस्थित सभी छात्र और छात्राओं सहित स्कूल के शिक्षकों को टीबी बीमारी के लक्षण, जांच, दवा, उपचार, साइड इफेक्ट्स, फॉलोअप करने की जानकारी दी गई। वहीं बच्चों को जागरूक करते हुए बताया गया कि टीबी एक माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से होने वाला एक गंभीर संक्रमण रोग है। फेफड़ों के साथ- साथ यह बीमारी मस्तिष्क, लिवर, किडनी, हड्डियों के साथ- साथ शरीर के अन्य भागों में हो सकता है। टीबी बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक खांसने और छींकने के कारण हवा के माध्यम से भी पहुंच सकता है। आज के समय में टीबी एक गंभीर संक्रमण बीमारी में से एक है जो आजकल लोगों के बदलती जीवनशैली, खानपान और बच्चों के घर में कैद व्यवहार के कारण बढ़ रहे हैं।

अंतर्राज्यीय सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की सचिव डॉ अंजू सिंह ने कहा कि उक्त संस्था के द्वारा टीबी बीमारी के प्रति जागरूकता लाने को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान शनिवार को शहर के एसडीएस पब्लिक स्कूल में वर्ग 9 और 10 के बच्चों के बीच जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। टीबी के प्रति जानकारी का स्तर देखने के लिए उक्त सभी का प्री टेस्ट लेने के बाद टीबी रोग के संबंध में मुख्य रूप से लक्षण, उपचार एवं बचाव सहित कई अन्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। हालांकि अंत में बच्चों का पोस्ट टेस्ट भी लिया गया। जिसमें सर्वोच्च अंक लाने वाले पांच बच्चों को संस्था के द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। वहीं बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए टीबी रोग के प्रति स्वयं की स्वच्छता, आसपास और समाज की स्वच्छता को लेकर जागरूक करने के लिए टीबी मुक्त समाज के लिए शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की तरफ से प्रो अरुण कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, खुशबू सिंह, आशुतोष कुमार के अलावा कई अन्य शिक्षक सहित काफी संख्या में बच्चे उपस्थित रहे। जबकि संस्था की तरफ से प्रीति शाही, मणि शाही, रजनी कुमारी, रवि कुमार और सूरज कुमार उपस्थित रहे।

 

 

टीबी होने पर पहचान के लक्षण:
फेफड़ों में टीबी की पहचान
दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी रहना।
बलगम के साथ खून आना।
वजन बहुत कम होना। रात में पसीना आना।
एक दिन में दो बार या कई दिनों तक लगातार बुखार रहना।
भूख नहीं लगना व हर समय थकान लगना।
स्पाइन में टीबी होने पर कमर में दर्द का होना।
किडनी में टीबी होने पर पेशाब में रक्त का आना।

टीबी बीमारी से बचाव के उपाय:
तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी होने पर डॉक्टरों से जांच कराएं।
संतुलित और पौष्टिक भोजन खाएं।
नियमित व्यायाम करें।
धूम्रपान और नशीली दवाओं का सेवन न करें।
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से सुरक्षित रहें।
गंदगी वाले स्थलों में जाने पर मास्क का उपयोग करें।
नवजात शिशुओं को बीसीजी का वैक्सीन जरूर लगवाएं।

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