जौनपुर। मजान के पाक महीने में इबादत गुजार बंदे पहली रात से ही अपने माबूद को मनाने उसकी इबादत करने में जुट जाते हैं इन नेक बंदो के लिए शबे_ए_ कद्र परवरदिगार का अनमोल तोहफा है कुरान में इसे हजार महीनों से श्रेष्ठ रात बताया गया है यह बातें मदीना मस्जिद के पेश इमाम मौलाना क्या मुद्दीन ने कहा कि श्रद्धा और इमान के साथ इस रात में इबादत करने वालो के पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं आलिमों का कहना कि जहां भी पिछले गुनाह माफ करने की बात आती है वहां छोटे गुनाह बक्स दिए जाने से मुराद होती है रसूल अल्लाह ने शबे _ए_कद्र के लिए रमजान की 21,23 ,25, 27, 29वी रात बताई इन रातों में रात भर मुख्तलिफ इबादते की जाती हैं जिनमें नफिल नमाज पढ़ना, कुरान पढ़ना, मुख्तलिफ तशबीहात ( जाप) पढ़ना अहम है। रमजान में खुदा की रहमत पूरे जोश पर होती है । शबे कद्र यानी हजार महीनों से बेहतर रात । इस रात में कुरान उतारा गया और इसी शब में अनगिनत लोगों को माफी दी जाती है । इसलिए पूरी रात जाग कर इबादत की जाती है।
हज़रत मौलाना कयामुद्दीन
पेश इमाम मदीना मस्जिद
नवाब साहब का आहता जौनपुर।