गोण्डा। जिले के इटियाथोक विकासखंड अन्तर्गत मधई जोत गांव में डायरिया से तीन बच्चों की मौत हो गई,वहीं पांच अन्य का इलाज नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहा है। इससे साफ है कि स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते डायरिया नामक संक्रामक बीमारी ने पैर पसार लिया है। ग्रामीणों का दावा है कि तीनों मासूम बच्चों की मौत डायरिया से ही हुई है। मरने वालों में गणेश दत्त की आठ वर्षीय बेटी पल्लवी और अट्ठारह दिन का नवजात शिशु है। वहीं गणेश दत्त के भाई महेश दत्त का दो साल का पुत्र शिवा भी डायरिया से अपनी जान गंवा बैठा। दो दिनों के बीच हुई तीन बच्चों की मौत के बाद प्रशासन को ब्लॉक मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मधईजोत गांव पहुंचने में काफी वक्त लग गया।
सीएचसी अधीक्षक सुनील कुमार पासवान ने बताया कि सूचना मिलते ही गांव में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है।इटियाथोक विकासखंड के ग्राम पंचायत विशुनपुर संगम के गांव मधई जोत में डायरिया का प्रकोप व्याप्त है। जहां विगत दो दिनों के अंदर डायरिया से एक ही परिवार में तीन बच्चों की मौत हो गई,जबकि पांच अब भी पीड़ित हैं। तीन मौतों की सूचना के बाद उच्चाधिकारियों ने गांव में स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर ढंग से इलाज करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को गांव पहुंचे सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल ने बताया कि विगत दिनों हुई बरसात के बाद निकलने वाली चटकीली धूप से उमस काफी बढ़ गई है जिसके कारण संक्रामक रोग का प्रकोप बढ़ा है। गांव में सफाई कर्मियों को लगाकर साफ सफाई व दवा छिड़काव किया जा रहा है। सीएचसी अधीक्षक सुनील कुमार पासवान ने बताया कि गांव की अनीता (40) पत्नी उग्रसेन, सुनीता (48) पत्नी चंद्रशेखर, दीपशिखा (22) पुत्री अमन तिवारी, मुस्कान (04) पुत्री गणेश दत्त, अमन तिवारी (22) पुत्र उग्रसेन तिवारी डायरिया से पीड़ित है, सभी का इलाज इटियाथोक सीएचसी पर चल रहा है।