देश में महिलायें सुरक्षित नही, महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनायें एक चिंता का विषय-विक्रम दयाल

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मुम्बई :आजकल महिलायें सुरक्षित नही हैं. महिलाओं के साथ अक्सर घृणित घटनायें प्रतिदिन होने लगी है. अत्याचारियों की शिकार महिलायें होने लगी है. उम्र की कोई सीमा नही है. बलात्कारी उम्र का लिहाज किये बगैर घृणित घटनायें अंजाम देने लगे हैं. कड़े से कड़े कानून बनजाने के बावजूद बलात्कारी अत्याचारी घृणित कार्य करने में सफल हो ही जाते हैं. कानून हाथ मलते रह जाता है. स्कूल जाती छोटी उम्र की बच्चियाँ, कालेज जाती लड़कियाँ, नर्स, और डाक्टर सभी आज सामूहिक बलात्कार की शिकार होती किशोरियाँ, महिलायें, बलात्कारियों से त्रस्त हैं.

सरकार या अन्य जिम्मेदार व्यक्ति बलात्कारियों को कानूनी फंदे तक नही पहुँचा पारहे हैं. अपराधी अपराध करके खुलेआम घूम रहे हैं. घटनायें होती जारही हैं और जनता हाथ पर हाथ धरे देखती जा रही है. महिलाओं के क्षत् विक्षत् अंग देख कर मानवता भी शर्मसार होजाती है. क्या लड़कियाँ जन्म न लें? क्या लडकियाँ पढ़े लिखें नही? क्या लड़कियाँ खुले वातावरण में सांस न लें? क्या लड़कियाँ डाक्टर या इंजीनियर न बनें? क्या लड़कियाँ मर्द की बराबरी न करें? क्या
लड़कियाँ सफर न करें? क्या लड़कियाँ आसमान में न उड़े? क्या समाज को अब लड़कियों को दुनियाँ में आने से रोक देना चाहिए? ऐसा नही हो सकता है. लडकियाँ ही मां, बहन, बेटी, पत्नी के रिस्ते निभाते हुए दुनियाँ को मजबूत रिस्तों में बांध कर रखती है. लड़कियाँ हैं तो सभी रिस्ते हैं. इसलिए लड़कियों का आदर सम्मान करना बहुत ही जरूरी है. महिलाओ में जन्म देने की शक्ति है आजकल के युग में महिलाओं के विरुद्ध घोर से घोर अपराध होने लगे हैं. जिसे हमारा समाज ही इस अपराध को रोक सकता है. नारी शक्ति है तो दुनियाँ है. नारी शक्ति के बिना मानव अधूरा है. इललिए इंसान को नारीशक्ति का मान सम्मान करना अति आवश्यक है. धर्म कोई भी हो. बिना नारी के धर्म भी आगे नही बढ़ सकता है. धर्म और नारी का सम्मान सदा होना चाहिए.
अगर नारी नही है तो वंश भी आगे बढ़ नही सकता. नारी के ही अंदर माता, बहन, बेटी, पत्नी, सारे दुनियाँ के रिस्ते हैं. महिलाओं का अनादर समाज में नही होना चाहिए. हर घर की मान मर्यादा
एक नारी ही है. जहाँ महिला का सम्मान नही वहाँ विनाश होना निश्चित है. बिना मां का, कोई भी इंसान इस धरती पर नही है. सभी को किसी मां ने ही जन्म दिया है. मां ही किसी बच्चे का पालन पोषण कर सकती है. इसलिए हर समाज में हर धर्म में मां का स्थान सर्वोपरि है. मां जन्मदात्री है इसलिए मां पूज्यनीय है. महिलाओं पर बढ़ते अपराध आजकल एक चिंता का विषय है. महिलाओं पर बढ़ते अपराध को रोकने की जरूरत है. बडे़ से बड़े और कड़े से कड़े कानून बनने के बावजूद भी अपराध नित्य प्रतिदिन बढ़ते ही जारहे हैं. अपराधी अपराध करने से चूकते नही हैं. और बच निकलते हैं. आजकल कहीं भी महिलायें सुरक्षित नही हैं. महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनायें रुकनी चाहिए. तभी नारीशक्ति का सम्मान होगा.

 

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