इजराइल ने एक ऐसी हरकत की है जिससे भारत नाराज हो गया है। इजराइल ने यूएन पीसकीपिंग फोर्स के पोस्ट पर हमला किया है जहां 600 भारतीय जवान भी तैनात हैं। दक्षिणी लेबनान के इलाके में यूएन पीसकीपिंग फोर्स है। उसकी कई पोस्टों को इजरायल निशाना बना रहा है। लगातार तीन बार वहां गोलीबारी भी की गई है।
इजराइल के इस हमले को लेकर यूएन पीसकीपिंग फोर्स में कंट्रीब्यूटिंग फोर्सेज नाराज हो गई हैं. यही वजह है कि भारत भी नाराजगी खुलकर बता रहा है। अब सवाल है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत की मांग को सुनेंगे या नहीं सुनेंगे या फिर यूएन के खिलाफ और कोई बड़ी हरकत कर देंगे।
इजराइल के इस हमले को लेकर यूएन पीसकीपिंग फोर्स में कंट्रीब्यूटिंग फोर्सेज नाराज हो गई हैं. यही वजह है कि भारत भी नाराजगी खुलकर बता रहा है. अब सवाल है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत की मांग को सुनेंगे या नहीं सुनेंगे या फिर यूएन के खिलाफ और कोई बड़ी हरकत कर देंगे?
दरअसल, दक्षिणी लेबनान में यूएन पीसकीपिंग फोर्स में हमलों के बाद यूनाइटेड नेशन अंतरिम फोर्स इन लेबनान की तरफ से एक ज्वाइंट स्टेटमेंट आया, जिसपर 34 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. भारत ने भी इस ज्वाइंट स्टेटमेंट का समर्थन किया है, जिसमें घायल हुए पीसकीपर्स के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है और इजरायल की इस हरकत की निंदा की गई.
दरअसल, दक्षिणी लेबनान में यूएन पीसकीपिंग फोर्स में हमलों के बाद यूनाइटेड नेशन अंतरिम फोर्स इन लेबनान की तरफ से एक ज्वाइंट स्टेटमेंट आया, जिसपर 34 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. भारत ने भी इस ज्वाइंट स्टेटमेंट का समर्थन किया है, जिसमें घायल हुए पीसकीपर्स के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है और इजरायल की इस हरकत की निंदा की गई.
पोलैंड की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यूनाइटेड नेशन इंटरिम फोर्स इन लेबनान की भूमिका बहुत गंभीर है, जो इस समय उस इलाके में पनप रही है. ऐसे में पीसकीपर्स पर किसी तरह के हमले और गोलीबारी की वे निंदा करते हैं और इस हरकत पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और जांच की जानी चाहिए।
पोलैंड की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यूनाइटेड नेशन इंटरिम फोर्स इन लेबनान की भूमिका बहुत गंभीर है, जो इस समय उस इलाके में पनप रही है. ऐसे में पीसकीपर्स पर किसी तरह के हमले और गोलीबारी की वे निंदा करते हैं और इस हरकत पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और जांच की जानी चाहिए।
बयान में पोलैंड ने शुरुआत में भारत का नाम मेंशन नहीं किया था. फिर भारत का भी नाम सामने आया. भारत ने भी कहा, “क्योंकि हम उन पीसकीपर्स में बड़ी फोर्स कंट्रीब्यूटर हैं और भारत भी 34 देश के साझे बयान से सहमति रखता है और मांग करता है कि पीस्कीपर्स की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बयान में पोलैंड ने शुरुआत में भारत का नाम मेंशन नहीं किया था. फिर भारत का भी नाम सामने आया. भारत ने भी कहा, “क्योंकि हम उन पीसकीपर्स में बड़ी फोर्स कंट्रीब्यूटर हैं और भारत भी 34 देश के साझे बयान से सहमति रखता है और मांग करता है कि पीस्कीपर्स की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
भारत ने कहा कि यूएनएससी के रेजोल्यूशन के तहत कदम उठाए जाने चाहिए. भारत ने इससे पहले पूरे वेस्ट एशिया की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि इजरायल को दोस्ती बरकरार रखनी चाहिए। लेकिन इजरायल का कहना है कि उन्होंने जिन पोस्ट को निशाना बनाया। उसके आसपास हिजबुल्ला के ठिकाने हैं। वह उसे निशाना बना रहे हैं।
भारत ने कहा कि यूएनएससी के रेजोल्यूशन के तहत कदम उठाए जाने चाहिए। भारत ने इससे पहले पूरे वेस्ट एशिया की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि इजरायल को दोस्ती बरकरार रखनी चाहिए। लेकिन इजरायल का कहना है कि उन्होंने जिन पोस्ट को निशाना बनाया उसके आसपास हिजबुल्ला के ठिकाने हैं. वह उसे निशाना बना रहे हैं।
इसराइल ने यह भी कहा था कि यूएन पीसकीपिंग हेडक्वार्टर को इन जगहों से हटा देना चाहिए, लेकिन यूएन ने इजरायल की इस मांग को खारिज कर दिया. वहीं, भारत जिस तरह से इजरायल के खिलाफ खुलकर खड़ा दिख रहा है उससे एक बात तो साफ है कि इजरायल के ऊपर वैश्विक दबाव बनता चला जाएगा।
इसराइल ने यह भी कहा था कि यूएन पीसकीपिंग हेडक्वार्टर को इन जगहों से हटा देना चाहिए। लेकिन यूएन ने इजरायल की इस मांग को खारिज कर दिया. वहीं, भारत जिस तरह से इजरायल के खिलाफ खुलकर खड़ा दिख रहा है उससे एक बात तो साफ है कि इजरायल के ऊपर वैश्विक दबाव बनता चला जाएगा।