जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉक्टर दीप शिखा इन दोनों सुर्खियों में चल रही है। डॉक्टर के बारे में चर्चा है कि इस समय यह दोनों हाथ से धन बटोरने में अपना मन पूरी तरह से लग रही है। कहां जाता है कि जैसे-जैसे ठंडी का मौसम नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे आंखों के ऑपरेशन के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार की नीति है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन लेंस की सुविधा सभी मरीजों को निशुल्क कराई जाए। लेकिन यह चिकित्सका अपने ओपीडी के कमरे में अपने दो अवैध ढंग से काम करने वाले दलालों को बैठायें रहती है जो मरीज को अच्छे और खराब लैंस के बारे में जानकारी देकर बढ़िया लैंस लगाने के नाम पर 4 हजार से 5 हजार तक की अवैध वसूली आंखों के मरीजों से की जा रही है। बड़े मजे की बात तो यह है कि हफ्ते में 3 दिन इनके ऑपरेशन की डेट निश्चित है उसी दिन यह डॉक्टर दिखाई देती हैं बाकी दिन नदारत रहा करती हैं। इस हफते उनके दलाल उनके कमरे और कमरे के आसपास रहकर मरीजों को सेट करके तैयार करते हैं। इनके नदारत रहने के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के राय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी ड्यूटी अक्सर कैंप में लगा करती है। अब प्रश्न इस बात का उठना है कि एक तरफ भारत सरकार राष्ट्रीय अंधत्व कार्यक्रम के अंतर्गत निशुल्क ऑपरेशन और लैंस की व्यवस्था कर रही है वहीं ऐसे में यह चिकित्सक जो लैंस के नाम पर धड़ल्ले से वसूली कर राष्ट्रीय कार्यक्रम पर पानी फेर रहीं हैं।