उत्तर प्रदेश के जिला एटा में एक दरोगा ने थाने में बीएमएस के छात्र को पट्टे से पीटकर घायल कर दिया। जबकि दरोगा के सिनियर एसएचओ ने छात्र को छोड़ने का आदेश दे दिया था। इसके बावजूद भी दरोगा उसे मारने से बाज नहीं आये। उनके लिए सीनियर के आदेश का भी कोई मायने नहीं था। घटना का विडियो वायरल करते हुए कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना सांधते हुए बताया कि दरोगा के ऊपर सत्ताधारी दल के किसी नेता का हाथ हो सकता है इसलिए अपने सीनियर का नहीं बल्कि उस लीडर का ऑर्डर फॉलो कर रहे हैं। थाने-चौकियों में पुलिस विभाग में ही आपस में नहीं बन पा रही है। यहाँ सीनियर-जूनियर का कोई मतलब ही नहीं बचा है। आखिर यूपी में ये हो क्या रहा है। ऐसे में यह प्रदेश बदतर कैसे नहीं बनेगा। सोचने वाली बात है।