जौनपुर। ठंड अपने पूरे-पूरे शबाब पर है वही अलाव की लकड़ी में नगर पालिका के ठेकेदार द्वारा भारी घोटाला करते दिखाई दे रहा है। पहले जिस तरह से लकड़ी हर चौराहे पर जलाई जाती थी उस हिसाब से देखा जाए तो लकड़ी सिर्फ फर्ज निभाने के लिए ही गिराई जा रही है। अनुमान लगाया जाता है कि जो लकड़ी इस वक्त अलाव के लिए जलाई जा रही है वह 10 से 15 किलो से ज्यादा नहीं होती। जबकि प्रमुख स्थान भंडारी रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल, रोडवेज बस स्टैंड, जेसीज चौराहे जैसे कई स्थान है जहां लोगों का आवागमन पूरी रात चलता रहता है। वहां थोड़ी सी लकड़ी जलकर कुछ ही घंटे में खत्म हो जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पालिका प्रशासन द्वारा 40 किलो लकड़ी अलाव के लिए दी जाती है लेकिन ठेकेदार और पालिका के मिली भगत से इसमें लंबा घोटाला किया जा रहा है जिनका खामियाजा आम नागरिकों को भोगना पड़ रहा है। गरीब तपके के लोगों का यह अलाव की लकड़ी एक सहारा बनी रहती थी लेकिन अब 10 बजे रात के बाद यदि कहीं कोई देखेगा तो अलाव की लकड़ी शायद ही कहीं जलते हुई दिखाई देगी। ऐसा प्रतीत होता है कि ठेकेदार और नगर पालिका के लोग अलाव की इस लकड़ी में लंबा घोटाला कर रहे हैं। कुछ लोगों को तो यहां तक कहते सुना गया है कि यह अलाव कागजों पर ज्यादा और मौके पर कम जलता हुआ दिखाई देगा। भ्रष्टाचार की बात अगर कहें तो अभी कुछ माह पूर्व में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने लगातार कार्रवाई करके पालिका के कई कर्मचारियों को जेल भेज दिया था। जिसमें नगर के एक बड़े अधिकारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बड़ा अधिकारी उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अरेस्ट स्टे पर काफी दिनों तक चलता रहा है। ऐसे में कैसे नगरपालिका की नैया पार लगेगी या तो आसानी से अंदाज लगाया जा सकता है।