ओबीसी के फर्जी अपमान पर भाजपा कर रही विधवा विलाप -लौटनराम निषाद
स्वघोषित ओबीसी चौकीदार के काल में ओबीसी की हो रही हकमारी, देश लूटने वाले भाग गए विदेश
लखनऊ।आजकल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मोदी सरनेम पर टिप्पणी के बहाने भाजपा ललित मोदी,नीरव मोदी, मेहुल चौकसी आदि सहित 28 घोटालेबाज भगोड़ों को ओबीसी बताकर ओबीसी वर्ग का अपमान कर रही है और ओबीसी के अपमान का आरोप राहुल गांधी पर लगा रही है।जबकि इस मामले का ओबीसी से दूर दूर तक कोई संबंध ही नहीं है। वास्तव में भाजपा ओबीसी वर्ग की जागरूकता से बौखलाई हुई है क्योंकि जबसे केन्द्र व कई राज्यों में भाजपा की सरकारें बनी हैं, ओबीसी का शोषण उत्पीड़न व हकमारी किया और उनका हक व अधिकार छीनकर खुल्लमखुल्ला ब्राह्मणों और थोड़ा बहुत अन्य सवर्णों को देने का मानो निरंतर अभियान ही चला रखा है जिससे ओबीसी समाज में भारी आक्रोश है, लेकिन आर एस एस व भाजपा के लोग 90 के दशक का ओबीसी समझकर जब उन्हें मंडल आंदोलन से डायवर्ट करके राममंदिर आंदोलन की तरफ मोड़ दिया था ।
उनको लग रहा है राहुल गांधी के बहाने “ओबीसी के सम्मान में भाजपा मैदान में” जैसे नारे का टोटका करके ओबीसी को फिर मूर्ख बनाकर उनका वोट लूटा जा सकता है। जो कि अब संभव नहीं है। क्योंकि ओबीसी अब अच्छी तरह समझ गया है कि भाजपा पूरी तरह ब्राह्मणों द्वारा ब्राह्मणों के लिए ब्राह्मणों की पार्टी है जो कभी ओबीसी का भला कर ही नहीं सकती।भारतीय ओबीसी महासभा के प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने ओबीसी की हर स्तर पर हकमारी करने वाली भाजपा सरकार सभी मोदियों को ओबीसी प्रचारित कर विधवा विलाप कर रही है।उन्होंने पूछा है कि ललित मोदी, नीरव मोदी ओबीसी हैं?अगर ये ओबीसी हैं तो इनका जाति प्रमाण पत्र जगजाहिर करने की मांग करते हुए कहा कि अपराधी व आर्थिक घोटालेबाज ओबीसी,एससी, माइनॉरिटी हों या
सवर्ण,बनिया वे अपराधी व घोटालेबाज नहीं कहे जाएंगे तो आखिर क्या कहे जाएँगे? क्या देश के अरबों के घोटालेबाज व भगोड़े नीरव मोदी,ललित मोदी, विजय माल्या,मेहुल चौकसी आदि आर्थिक घोटालेबाज संत व महात्मा कहे जायेंगे?ओबीसी वर्ग का हो या किसी अन्य वर्ग का,जो गलत किया है वह गलत ही कहा जायेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने पर एक तरफ जहां विपक्ष केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर है, वहीं बीजेपी ने भी उसे जवाब देने के लिए अपना प्लान तैयार कर लिया है। बीजेपी नेताओं को खास निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, ‘मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात के एक कोर्ट से मिली सजा के बाद, बीजेपी ने कांग्रेस पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज का अपमान करने का आरोप लगाया है। लौटनराम निषाद ने इसे भाजपा की गुमराह करने वाली नीचतापूर्ण राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि 28 आर्थिक घोटालेबाज जो देश की सम्पत्ति लूटकर विदेश भाग गए,उनमें कौन कौन ओबीसी,एससी, एसटी व मुस्लिम, ईसाई है।मोदी चौकीदारी कर रहे हैं और कोई लुटेरा लूटकर भाग गया तो चौकीदार बराबर का दोषी है यानी चोर को चोरी करने में मदद पहुँचाने वाला चौकीदार भी चोर ही होगा।
निषाद ने आगे कहा कि एक तरफ मोदी सरकार ओबीसी का नाम लेकर वोटों की राजनीति खेलने की तैयारी कर रही है वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो मोदी सरकार के 89 सचिवों में एक भी ओबीसी का सचिव नहीं है। वर्तमान में भारत सरकार के नीति बनाने वाले 89 सचिवों में से सिर्फ एक सचिव अनुसूचित जाति (एससी) और तीन सचिव अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से हैं। चौकाने वाली बात ये है कि इन 89 सचिवों में से एक भी व्यक्ति अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नहीं है। पिछले वर्ष 10 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिब्येंदु अधिकारी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी दी। देश का चौकीदार अपने को पिछड़ी जाति का बताकर ब्लैकमेलिंग करता आ रहा है और चौकीदार के कार्यकाल में पिछड़ों की हकमारी की जा रही है।उच्चतम स्तर पर आरक्षित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व काफी कम है।केंद्र के आंकड़ों के अनुसार एसटी, ओबीसी समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, निदेशक स्तर पर भी काफी कम है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों में कुल 93 अतिरिक्त सचिव हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ छह लोग एससी और पांच लोग एसटी समुदाय से हैं। इस समय एक भी अतिरिक्त सचिव ओबीसी समुदाय से नहीं है। इस तरह केंद्र में अतिरिक्त सचिव के स्तर पर सिर्फ 6.45 फीसदी लोग एससी और 5.38 फीसदी लोग एसटी है। इसी तरह केंद्र सरकार के कुल 275 संयुक्त सचिवों में से सिर्फ 13 सचिव एससी, 09 सचिव एसटी और 19 सचिव ओबीसी वर्ग से हैं। यानि कि कुल संयुक्त सचिवों में से सिर्फ 4.73 फीसदी एससी, 3.27 फीसदी एसटी और 6.91 फीसदी ओबीसी हैं। इन आंकड़ों से ये स्पष्ट हो जाता है कि सरकार के उच्चतम स्तर पर आरक्षित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व काफी कम है।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार व भाजपा झूठे ओबीसी का हमदर्द बनकर विधवा विलाप कर रही है।यह वही भाजपा है,जिसने मण्डल कमीशन के विरोध में आतंक फैलाया,वह पिछडों की हितैषी कैसे हो सकती है।