पिछड़ों की हकमारी करने वाली भाजपा ओबीसी अपमान का कर रही झूठा प्रचार
मंडल विरोधी भाजपा के डीएनए में ही है पिछड़ा विरोध-लौटनराम निषाद
लखनऊ।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा घोटालेबाज मोदियों को चोर कहने पर भाजपा ओबीसी का अपमान करने का आरोप लगा रही है।भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने भारतीय बैंकों का 10 ट्रिलियन लूटकर विदेश भागने वाले 29 लुटेरों में सभी सवर्ण बनिया व अधिकांश गुजराती हैं।उन्होंने भाजपा द्वारा इन लुटेरों को चोर कहे जाने पर भाजपा इसे पिछडों के अपमान का आरोप लगा रही है,जो पूरी तरह धोखाधड़ी है।उन्होंने भाजपा पर छल-कपट,झूठ-फरेब की राजनीति करने वालों का संविधान, लोकतंत्र व पिछड़ा-दलित विरोधियों का गिरोह बताया।कहा कि भला कब से भाजपा पिछड़ा हितैषी व सम्मान चिन्तक हो गयी।मण्डल विरोधी भाजपा के डीएनए में ही पिछड़ा विरोधी चरित्र है।जब से स्वघोषित ओबीसी देश का प्रधानमंत्री बना है,जो अपने को देश का चौकीदार बताता है,उसके 9 वर्षों के कार्यकाल में पिछडों की हकमारी जोरों पर जारी है।
2014 से जिस तरह से ओबीसी के अधिकारों पर डकैती की जा रही है,उससे तो यही लग रहा है कि आरएसएस पिछड़ों को शिकार बनाने के लिए चारा के रूप में प्रयोग कर रही है। पालतू तीतर,तोता सरीखे ओबीसी के भाजपा नेता निजस्वार्थ में बन्धुआगिरी कर रहे हैं,उनका ज़मीर मर गया है और भाजपा उनका प्रयोग मछली पकड़ने वाली बंसी के केंचुए की तरह कर रही है।
निषाद ने कहा कि मोदी सरनेम पर राहुल गाँधी की टिप्पणी को पिछड़ों का अपमान बताया जाना भाजपा की गन्दी व षड्यंत्रकारी साज़िश बताते हुए इस तरह की नीचतापूर्ण राजनीति की कटु निन्दा किया है।उत्तर प्रदेश में ढाई लाख से अधिक विद्यार्थियों का छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का आवेदन पत्र रद्द कर दिया गया है।2017 में सरकार बनते ही निजी इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज में ओबीसी,एससी,एसटी का कोटा खत्म कर दिया गया,भाजपा प्रवक्ता ने जुल्म ज्यादती की शिकार फूलन देवी को डकैत व हत्यारिन कहा तब भाजपाई पिछड़ों को अन्याय व अपमान नहीं दिखा।निषाद ने आगे कहा कि भाजपा सरकार पिछडों,दलितों की खुलेआम हकमारी कर रही है।
निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तब पिछड़ा समझा जाता जब वे कॉस्ट सेन्सस कराते,ओबीसी का बैकलॉग भरते,ओबीसी कोटे को पूरा करने के लिए विशेष भर्ती अभियान शुरू कराते।उन्होंने कहा कि क्या प्रधान मंत्री का ज़मीर जिन्दा है,उनमें पिछडों के प्रति हमदर्दी है,उनमें पिछडों के दर्द का रंचमात्र भी अहसास है।अगर वे असल में ओबीसी होते तो पिछड़ों की हकमारी नहीं कराते। एससी, एसटी की भाँति ओबीसी को समानुपातिक प्रतिनिधित्व देने का कानून बनाते।पर,स्वघोषित ओबीसी पीएम के प्रधानमंत्रित्व काल में अनुच्छेद-16(4),16(4-क) की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है।उन्होंने कहा कि केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार में जो 27 व 29 ओबीसी,एससी, एसटी मंत्री हैं,वे गन्धहीन फूल की तरह हैं।