अलग-अलग हत्या के मामले में एक पक्ष के दो लोग तथा दूसरे पक्ष के एक को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा

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जौनपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ श्रीमती रूपाली सक्सेना ने अलग-अलग हत्या के मामले में एक पक्ष के दो लोगों को तथा दूसरे पक्ष के एक को दोषी सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है। मामला सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र की गडैला गांव का है। गांव के रामजन्म सिंह ने थाने पर तहरीर दिया था कि 3 अप्रैल वर्ष 2006 शाम के लगभग 4:00 धारदार हथियार से लैस होकर अभिमन्यु सिंह अपने लड़कों प्रवेश सिंह अभिषेक सिंह शीतलेश कुमार सिंह गोरख सिंह मेरी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने लगे।

उसी मेरे पिता रत्नाकर सिंह को धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी गई। विवेचक रहे थाना अध्यक्ष गोरखनाथ पांडे सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 143 148 149 307 302 में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस घटना में नामजद दो आरोपियों का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है। इस मामले में छह गवाहों ने गवाही दिया। विद्वान न्यायाधीश ने साक्षी और सबूत के आधार पर अभियुक्त प्रवेश और गोरखनाथ को आजीवन कारावास और 23 और 23 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। दूसरे पक्ष के प्रवेश सिंह ने तहरीर देकर यह रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 3 अप्रैल को शाम लगभग 5:00 बजे रत्नाकर सिंह व उनके परिवार के लोग खलिहान रखकर जमीन पर कब्जा कर रहे थे मना करने पर रत्नाकर सिंह राम जन्म शिव जन्म गड़ासा वह बंदूक लेकर आए साथ में रत्नाकर सिंह की पत्नी तीसरा सिंह आदि लोगों ने वादी को पड़कर गड़ासा से मारा । वादी को बचाने के लिए पिता जब दौड़े तो शिव जन्म में उन्हें गोली मार दिया जिनका उपचार के दौरान मौत हो गई।

जिसमे विद्वान न्यायाधीश ने राम जन्म को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व बीस हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। शिवा जन्म व केसरा के खिलाफ कार्रवाई आसक्ति कर दी गई है। सरकार की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह व सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने सरकार की तरफ से पैरवी किया था। न्यायालय ने यह भी लिखा है कि यदि अर्थ दंड की धनराशि अदा ना की गई तो 6 मा का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।

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