मौलाना रूडकी । आल इंडिया सूफी सन्त परिषद के राष्ट्रीय महासचिव व शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने माफिया अतीक की हत्या पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बड़े दुःख की बात है कि कुछ अज्ञानी किस्म के मुसलमान अतीक और उसके बेटे की मौत पर चर्चा में लगे है मगर दुनिया ए इस्लाम के मशहूर आलिम ए दीन और आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर मौलाना राबे हसन नदवी की वफ़ात पर कोई ग़म या दुख का इज़हार नही कर रहे अफ़सोस तो ये है कि बहुत से मुस्लिम लोग मरहूम नदवी का नाम व इतिहास तक नही जानते।
उन्होंने कहा कि अतीक एक अपराध की दुनिया का आदमी था उसने केवल उमेश पाल की हत्या नही की थी बल्कि 20 से अधिक मुसलमान भी अपनी गिरोहबंदी से मरवाये उसका अंजाम तो अदालत के जरिए ये ही होता ।रही हत्या की बात वो कानून और जांच में खुद सामने आ जायेगा।
मंगलोरी ने कहा कि दुःख का विषय है कि बहुत से व्हाट्सएप गुर्पों में मरहूम मौलाना सयैद राबे हसन की चर्चा तक नही जो सिर्फ हिंदुस्तान ही नही बल्कि पूरी दुनिया में ऐसे इस्लामी स्कोलर थे जिनकी इस्लामी किताबे विदेशों यूनिवर्सिटियों में भी पढ़ाई जाती थी, उनके निधन पर मुस्लिम देशों के लीडरों के साथ साथ भारत के अनेक बड़े हिन्दू धर्म गुरुओं ने भी संवेदनाएँ व्यक्त की, मगर अफसोस एक मामूली तांगे चलाने वाले परिवार से डॉन बनने वाले अतीक की मौत की चर्चा ज़ोर शोर से गुर्पो में की जा रही है और उसको हीरो की तरह ग्रुप्स में पेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ओवैसी साहब को मौलाना राबे हसन नदवी के जनाज़े में शरीक हो कर अपने मुस्लिम नेता होने का सबूत देना चाहिए था।
मंगलोरी ने कहा कि यू पी में अपराधियों के खात्मे से आम हिन्दू व मुसलमान खुश है ।किसी भी अपराधी को धर्म के चश्मे से नही देखा जाना चाहिए।उन्होंने ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी कि बिना धार्मिक भेदभाव के वह अपराधियों का खात्मा कर रहे है ।