विद्यालय हड़पने की नीयत से प्रबंधक ने परिजनों को अनियमित ढंग से किया सदस्यता सूची में शामिल

डीआईओएस ने प्रबंधक को किया तलब, समिति सदस्यों की शिकायत पर होगी पूरे प्रकरण की जांच ◆ विद्यालय में अवैध नियुक्तियों के बदले लाखों की मोटी रकम वसूलने का भी है आरोप ।

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प्रतापगढ़ । राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां), प्रतापगढ़ की प्रबंध समिति के प्रबंधक पर, समिति के सदस्यों ने विद्यालय हड़पने की नीयत से अभिलेखों में हेराफेरी करने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, समिति व विद्यालयी दस्तावेजों को अवैधानिक रूप से अपने कब्ज़े में रखने, आर्थिक भ्रष्टाचार करने, व विद्यालय में अवैधानिक नियुक्तियां करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, डीआईओएस सहित शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों से शिकायत की है । प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए डीआईओएस ने प्रबंधक को नोटिस जारी कर, सदस्यों द्वारा की गई शिकायत के सम्बंध में साक्ष्य सहित अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है ।

 

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा अनुदानित विद्यालय राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) समिति के आजीवन सदस्य कृपा शंकर पाण्डेय, नागेश्वर प्रसाद शुक्ल, राम सहाय यादव व डॉ. अनूप कुमार पाण्डेय ने समिति के प्रबंधक अनिल प्रताप त्रिपाठी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए शिकायत की है, कि प्रबंधक विद्यालय व समिति की सम्पत्ति को अपनी निजी व पैतृक संपत्ति समझकर पदासीन हैं, और आर्थिक भ्र्ष्टाचार में संलिप्त हैं । समिति की बैठक कभी नहीं बुलायी जाती । प्रबंधक अपने घर में बैठकर ही कागज़ी कार्यवाही पूरी कर लेते हैं । जो असंवैधानिक है और विद्यालय की प्रशासन योजना व नियमों के विपरीत है ।

 

सदस्यों का आरोप है कि प्रबंधक अपने निजी आयोजनों के लिए विद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों से अवैध धनवसूली करते हैं । समिति पर एकाधिकार कायम करने के उद्देश्य से प्रबंधक ने अपनी पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू, पुत्रवधू के पिता व भाई, पुत्रियों, सगे भाई सहित तमाम अपने निकटतम व दूरस्थ सगे संबंधियों को अवैधानिक तरीके से समिति में शामिल कर लिया । समिति में शामिल करने के लिए नियमों की घोर अनदेखी प्रबंधक द्वारा की गई । विद्यालय व समिति के अभिलेखों को प्रबंधक अपने कब्जे में रखते हैं और अभिलेखों में हेराफेरी उनके द्वारा की जाती है ।

 

बिल्डिंग फीस के नाम पर छात्र/छात्राओं व अभिभावकों से जबरन वसूली प्रबंधक द्वारा करायी जाती है । विद्यालय के विकास कोष से लाखों रुपए का धन आहरण कर लिया गया, लेकिन विद्यालय में पिछले 12 वर्षों से कोई भी विकास का कार्य नहीं कराया गया । आहरित धनराशि का कोई लेखा-जोखा सदस्यों को ना बताया जाता है और ना ही दिखाया जाता है । आरोप है कि समिति व विद्यालय का संचालन एकमात्र तानाशाही की प्रवृत्ति से पोषित होकर किया जा रहा है जो समिति नियमावली के नियमों के विपरीत है । समिति के सदस्यों ने विद्यालय में प्रबंधक द्वारा की गई नियुक्तियों को अवैध बताते हुए, सभी नियुक्तियों की जाँच न्यायिक अधिकारी से कराए जाने की मांग की है ।

 

विद्यालय समिति के सदस्यों का आरोप है कि प्रबंधक ने नियमों के विपरीत जाकर अवैधानिक तरीके से मनमानी नियुक्तियां की है । इसके एवज में लाखों रुपए की मोटी रकम की वसूली प्रबंधक द्वारा की गई है । शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रबंधक को नोटिस जारी कर विद्यालय प्रबंध समिति का गत चुनाव हेतु रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स प्रयागराज द्वारा साधारण सभा की पंजीकृत सूची एवं उनके द्वारा कराए गए चुनाव की कार्यवाही, हस्ताक्षर प्रमाणन की छायाप्रति व सोसाइटी रजिस्ट्रेशन की प्रति उपलब्ध कराते हुए साधारण सभा व प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्यों से प्रबंधक का स्पष्ट सम्बंध का उल्लेख, करते हुए अपना स्पष्टीकरण बिंदुवार देने का निर्देश दिया है । समिति सदस्यों ने सहायक निबंधक फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स प्रयागराज से भी प्रबंधक द्वारा समिति के साथ की जा रही ज्यादती व मनमानी को लेकर शिकायत की गई है

 

प्रबंधक पर व्यापक अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए समिति सदस्यों ने कहा है कि समिति का कभी चुनाव हुआ ही नहीं, केवल विद्यालय का चुनाव होता रहा । जिसके कारण समिति की साधारण सभा और कार्यकारिणी की सूची कभी पंजीकृत नहीं हुई है । सदस्यों ने सहायक निबंधक से वैध सदस्यों की सूची तय कर, समिति की नियमावली के अनुसार समिति का चुनाव कराए जाने की मांग की है ।

 

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