एफसीआई की स्पेशल टास्क फोर्स ने शाहगंज में मारा छापा, दो हिरासत में

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जौनपुर। गुरूवार के दिन शाहगंज पक्खनपुर गांव में स्थित सेन्ट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन पर भारतीय खाद्य निगम एफसीआई की स्पेशल टास्क फोर्स टीम ने छापा मारा जो इस समय दूसरे दिन भी चर्चा का विशय बना रहा। चर्चा में यह कहा जा रहा है कि गिरफतारी के दौरान सुजीत कुमार पुत्र रामचन्द्र निवासी चंदापुर थाना लोहता जनपद वाराणसी को काफी चोट आने के कारण उसे पकडने वाली टीम ने शाहगंज सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय प​रीक्षण एवं उपचार काराया गया। जहां से गभीर चोट लगने के कारण शाहगंज सरकारी अस्पताल के चिकित्सको ने गंभीर चोट लगने के कारण

 

जिलाचिकित्सालय जौनपुर रेफर कर दिया। टॉस्क फोर्स के अभयप्रताप द्वारा पकडे गये घायल कर्मचारी सुजीत कुमार को तडके चार बज कर पचास मिनट पर भर्ती कराया गया। फिर ना जाने किस कारण से पकडने वाली टीम ने लगभग साढे दस बजे दिन मे उसकी छुटटी करा लिया गया। दूसरी तरफ चर्चा है कि दोनों कर्मचारी को पकडने वाली टीम ने पकडे गये दोनो कर्मचारी को किस गोपनीय स्थान पर रखा है यह पता नही चल पा रहा है जब कि यह कार्यवाही होने के लगभग चौबीस घन्टे हो चुके है। कर्मचारीयों की शिकायत मिलने पर
राज्य मुख्यालय लखनऊ से आये टॉस्क फोर्स के अधिकारियों ने सीआरएम (चावल) के ट्रकों से लाखों रुपए की अवैध वसूली की करोड़ों के बड़े घोटाले से जुड़े सभी रिकॉर्ड और वहां मौजूद अधिकारियों कर्मचारियों के मोबाइल को रंगे हाथ पकड़ लिया। बेहद ही गुप्त तरीके से हुई इस छापेमारी के दौरान संदिग्ध पाए गये दो कर्मचारियों को टास्क फोर्स ने अपने कस्टडी में लेकर घण्टो देर तक की गई पूछताछ और उनके द्वारा बताए गए घोटाले में शामिल कुछ अन्य बड़े रसूखदार लोगों का नाम पता संबंधी सभी रिकॉर्ड जप्त किया।

 

सूत्र बताते हैं कि यहां लंबे समय से हो रहे करोड़ों के खेल की शिकायत एफसीआई के स्पेशल टास्क फोर्स टीम से की गई थी। जिसके बाद लखनऊ से पांच सदस्यीय टीम गुरुवार की शाम यहाँ पहुंची और स्थानीय पुलिस से सम्पर्क कर सुरक्षा की मांग की।

जांच बंद कमरे में चल रही है। टीम ने अब तक क्या कार्रवाई की है। इस संबंध में कोई भी सदस्य बात करने से कतराता रहा। वेयर हाउस कार्यालय प्रभारी अरविंद यादव ने भी पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है। इस संबंध में कोतवाली शाहगंज प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय से दूरभाश से सम्पर्क किया तो उन्होने बताया कि इस छापेमारी में टास्क फोर्स टीम ने स्थानीय पुलिस का सिर्फ सहयोग लिया था। बाकी की कार्यवाही करने के लिए सीबीआई की अपनी अलग कार्य प्रणाली होती है।

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