जौनपुर, अमन की शान । देश मे लोकसभा का चुनाव चल रहा है लेकिन इस बार 73 सदर जौनपुर लोकसभा का नज़ारा अलग ही नज़र आ रहा था क्यू चुनाव की घोषणा होने के पूर्व यहाँ का वातावरण एका एक गर्म हो गया था
ज़ब शुरुआत बहुत अजीब ठंग से शुरू हुई थी जिसकी कल्पना नहीं थी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुलाक़ात पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से होने के उपरांत एक फोटो वायरल हुआ था उसके चंद दिनों बाद एक मामले में धनंजय सिंह को सात साल की सजा हो गई और वह जेल चले गए!
राजनितिक गेमे में चर्चा चल रही थी की अचानक उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया और प्रचार प्रसार जारी हो गया ज़िलें में 29 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई इसी दौरान उनके पति धनंजय सिंह की जमानत हाई कोर्ट द्रारा मंजूर कर दी गई उम्मीद के कायश लगाए जा रहे थे की धनंजय सिंह के आने के बाद नामांकन किया जायेगा लेकिन एहसा नहीं हुआ!
बसपा प्रत्याशी श्रीकला रेड्डी द्रारा एक मई को किया गया एक तरफ उनके पति की रिहाई बरेली जेल से हो रही थी तो दूसरी तरफ उनकी पत्नी अपना नामांकन बसपा पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दाखिल कर रही
लेकिन अचानक पांच मई को सोशल मीडिया पर चर्चाओ का बाजार गर्म हो रहा की बहन जी जौनपुर के टिकट में फेयर बदल कर सकती है लेकिन शाम तक इसकी पोष्टि भी हो गई की अफवाओ पर ध्यान न दे!
दिनांक -पांच मई को कार्यालय को उदघाटन बसपा प्रभारी द्रारा किया जाता है लेकिन चंद घंटो बाद राजनितिक गलियारों में पुन हलचल पैदा हो जाती है श्रीकला धनंजय सिंह ने चुनाव लड़ाने से इंकार कर दिया यह खबर आग की तरह पुरे ज़िलें में गूंज रही थी तरह तरह की अटकाले लग रही थी !
इसी क्रम में बसपा वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव ने 6 मई को नामांकन के अंतिम दिन अपना नामांकन दाखिल कर दिया लेकिन सोशल मिडिया पर तरह तरह के कमेंट जारी थे इसको देखते हुए पूर्व सांसद ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुला कर जनता को अपना पैगाम दिया की मेरी पत्नी ने चुनाव लड़ने से इंकार नहीं किया बल्कि बसपा सुप्रीमो ने हमारी पत्नी को धोखा दिया उनका टिकट काटा गया वह बहुत दुखी है!
भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह है जिनके समर्थन में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा होना है
जिसके क्रम में नगर के तिलकधारी महाविद्यालय के ग्राउंड में तैयारी शुरू कर दी गई है हालांकि अभी जनसभा का दिनांक निश्चित नहीं है लेकिन तैयारी से लग रहा है कि जल्द ही जनसभा होगी
जबकि देखा जाये तो अब 73 लोक सभा का नज़ारा अलग हो गया जब तक पूर्व सांसद की पत्नी चुनावी मैदान में थी तब तक पूर्वांचल की सबसे हार्ट सीट मानी जा रही थी जिसकी गूंज पुरे देश में थी जनता को पूर्व सांसद के साथ सहानभूति थी और उनकी पत्नी के सवभाव पर उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी उनका टिकट कटने से जनता मौन है!
वोट बैंको की तुलना में सपा और उसके सहयोगी दल अभी तक के आकड़ो से भाजपा से बीस नजर आ रहे है लेकिन यह लोक तंत्र है हर व्यक्ति स्वतंत्र है कब क्या हो जाये कुछ नहीं कहाँ जा सकता!
मिला जुला कर भाजपा को 73 लोक सभा सीट पर अपनी पूरी ताकत लगा रही है लेकिन मतदाता एक दम मौन है जिससे सभी पार्टियों में ख़ामोशी दिखाई दे रहे अब देखना है की मोदी जी और अमित शाह की जनसभा के बाद जनता मौन ही रहती है यह सोर गुल का बाजार गर्म होता है!