अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड की कदीम तरही शब्बेदारी संपन्न हुई

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जौनपुर। नगर क्षेत्र के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में  बीती रात शनिवार को अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड की ऐतिहासिक कदीम तरही ऑल इंडिया शब्बेदारी का 81वां दौर शुरू हुआ था जो रविवार की सुबह दस बजे खत्म हुआ।

जिसमे राज्य की मशहूर अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के छः माह के कमसिन शहीद अली असगर की याद में अपने अपने अंदाज़ में दर्द भरे कलाम पेश किया।

अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर व अलम, मुबारक के साथ ताबूत निकाला गया जिसकी जियारत के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना अली हसनैन शायन ने किया उसके बाद सोजख्वानी का आगाज सैय्यद अली काविश व शेखअली के हमनवा ने अपने मकसूस अंदाज़ में किया बाद ख़त्म सोज पेशखानी जनाब हसन फतेहपुरी व रूस्तम साबरी इलाहाबादी ने मंजुमे नज़राने अक़ीदत पेश किया।

मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सै. इमाम हैदर हाल मुकीम कनाडा ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी,यजिदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीन भाल के भारी भरकम तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया। जब वे यजिदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे। अली असगर तीन रोज के भूखे-प्यासा थे पर जालिमो को उनपर भी रहम नही आया। इस दर्दनाक मंज़र को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे।

 

इसके बाद नौहा मातम का सिलसिला शुरू हुआ “मिसरे तरह असगर का गम शहीदों में सबसे जुदा रहा (रूस्तम साबरी इलाहाबादी ) व “सूरते शमशीर असगर की हंसी देखी गई” (हसन आब्दी फतेहपुरी) पर शहर की कई अंजुमनों के अलावा अंजुमन शमीमुल इमाम सिरसी मुरादाबाद, अब्बासिया अहले सुन्नत (नौहेखवा उस्मान अली )बड़ागांव कौशांबी, रौनके इस्लाम मुस्तफाबाद जलालपुर, पंजतनी तुरबखानी सुलतानपुर और जवानाने हुसैनी आमिलो मुबारकपुर मऊ ने नौहा मातम कर कर्बला के सबसे कमसिन जनाबे अली असगर को नजराने अकीदत पेश किया।

 

रविवार की सुबह अलविदाई मजलिस मौलाना मगुलाम रसूल नूरी कश्मीर ने पढ़ा इसके बाद शबीहे ताबूत, अलम, झूला अली असगर निकाला गया। शब्बेदारी का संचालन तालिब हुसैनी कानपुरी डॉ शोहरत जौनपुरी ने किया

 

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