नारियों का जागृति स्वाभिमान, तिरंगे से मांगे सम्मान. विक्रम दयाल

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दिल्ली ! नारियाँ हमेशा से पुज्यनीय रही हैं. नारियों का आदर सम्मान समाज में और समाज के लोग सदा से ही करते आयें है. नव दुर्गा, आठ शक्ति, सीता; लक्ष्मी, गिरिजा, सरस्वती, और अन्य महादेवियाँ तथा शक्तिशाली शक्तियों को हमारे समाज के ऋषि मुनि; देवता और इंसान पूजते आये हैं. मगर आज तो उन्हीं शक्ति की और शक्तिस्वरुपा देवियों का प्रतिदिन अपमान हो रहा है. उन्ही शक्तियों को घोर अत्याचार, व्याभिचार, बलात्कार और अश्लील हरकतों का सामना करना पड़ रहा है. वह अकेली राहें नही चल सकती हैं. बस, ट्रेन, अटो रिक्सा, कार, या खुद के वाहन से कहीं आने जाने में डरती है. स्कूल और कालेजों आज लड़कियाँ सुरक्षित शिक्षा ग्रहण नही कर सकती हैं. नारियों को भी सुरक्षित जीने का अधिकार है. उन्हें भी जीने देना चाहिए. और मदत भी करनी चाहिए. मगर आज के इंसान उन्हे पग पग पर अश्लील हरकतों से अड़चने पैदा करके आगे अकेले बढ़ने नही देते हैं. गलत फायदा उठाने की, मनचले और हवशी कोशिष करते रहते हैं. कडे़े से कड़े कानून बनने के बावजूद भी लोग धिनौनी हरकते करते रहते हैं. आज के इंसान को किसी भी कानून का भय नही है.
साल के तीन सौ पैसठ दिनों में हर दिन कोई न कोई घटनायें नारियों के प्रति प्रकाश में आती रहती हैं. छोटी से छोटी उम्र की बच्चियाँ अत्याचारियों का शिकार बन जाया करती हैं. क्या नारियाँ सदा के लिए अबला ही बनी रहें? समाज से सदा सदा के लिए डरती रहें. घर से बाहर जाकर काम न करें? आखिर इंसान चाहता क्या है? नारियों के अंदर ईश्वर ने मां बनने की शक्ति दी है.

पालन करने की शक्ति दी है. नये नये रिस्ते बनाने की शक्ति दी है.
ममता और प्यार बरसाने की शक्तियाँ दी हैं. हर रिस्तों को सही रुप से निभाने की शक्ति दी है. जो कार्य नारी कर सकती है वह पुरुष चाहते हुए भी, कभी नही कर सकता है. इसलिए नारी को शक्ति शालिनी भी कहा जाने लगा है. आज का मानव समाज जानते हुए, पहचानते हुए नारियों को पग पग पर अपमानित करते रहता है. आजकल के समय में नारियों के साथ दरिंदगी और बेशर्मी अधिक से अधिक होने लगी है. आज की नारी जल, थल, और वायु सेना में, बड़े बड़े दफ्तरों में, सामाजिक कार्यों में, डाक्टर, इंजीनीयर, साइंसटिस्ट, उद्योगपति, प्राध्यापिका, देश की प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और मंत्री, और अन्य मंत्रियों की सम्माननीय भूमिकायें अदा करते हुए देश की सर्वोच्च सेवायें करते हुए आदमी से कदम से कदम मिलाते हुए चल रही हैं. केन्द्र सरकार एवम् राज्य सरकार के दफ्तरों में सेवायें दे रही हैं. पुलिस बल में भी बड़ी कुशलता से अपना कार्य निभा रही है. कहने का तात्पर्य यह कि प्राइवेट फर्म से लेकर सरकारी क्षेत्रों में नारी अपनी उपस्थित बनाई हुई हैं. मानव समाज नारियों को कमजोर न समझे नारियों में बड़ी ताकत और हिम्मत है. नारियाँ ही लक्ष्मी दुर्गा और सरस्वती है. हर बच्चे की प्रथम गुरू मां ही होती है.

जिसे अंगुली पकड़ कर चलाने से लेकर रिस्तों की पहचान एक मां ही कराती है. नारी की महिमा अनंत है. नारियों के साथ बुरा व्यवहार करने वाला इंसान, नारियों का सम्मान करें. क्यों कि वह खुद भी तो किसी नारी से ही पैदा हुआ है. नारियों को समझें, नारियों की इज्जत करें. क्यों की नारियाँ ही कुल की लक्ष्मी है. कुल की देवी है. कुल की गरिमा हैं. कुल की लाज है. और कुल की इज्जत है. जिनके कुशल नेतृत्व में समाज सदा ही अग्रसर रहता है. नारियाँ ही हर घर की अभिमान है, और शान है. जहाँ पर नारी है, वहीं पर हर खुशी का भंडार है. अत: नारियों का सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य है.

 

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