जौनपुर इस्लाम की चौक का ऐतिहासिक चेहल्लुम सम्पन्न हुआ

ऐतिहासिक चमत्कारी ताजिया व तुरबत से मन्नते मांगने और अनार उतारने वालो की उमडी भीड़  

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जौनपुर शिराज़े हिन्द का ऐतिहासिक व मोजिजाइ (चमत्कारी) इस्लाम के चौक का चेहल्लुम शनिवार को रात्रि के ठीक 8:00 बजे शुरू हुआ और रविवार को सदर इमाम बड़ा बेगम गंज अपने कदीम रास्तो से होता हुआ ग़मगीन माहौल में शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। जुलूस में या हुसैन अलविदा की सदा के साथ लोगों की आँखे नम रही सभी अज़ादारों ने ताजिये व तुरबत सुपुर्दे ख़ाक किये गए और लब्बैक या हुसैन की सदा बुलंद किया!

इस कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार की रात इस्लाम चौक पर ताज़िया रखने से हुई उसके बाद शब्बेदारी का सिलसिला शुरू हुआ जिसमे सबसे पहले मरहूम कायम मेंहदी के रुक्का ने सोजखानी से आगाज किया उसके बाद दूसरी सोजखानी मोहम्मद जाफर व उनके हमनवा ने अपने मकसूस अंदाज में किया बाद खत्म सोजखानी मजलिस को ख़िताब किया डा कमर अब्बास साहब ने उन्होंने ने अपने फज़याल व मसाएब में करबाला में 72 शहीदों पर विस्तार से रौशनी डाली मौला हुसैन और जानबे अली असगर पर मसाएब पढ़ा उसके बाद सिलसिले वार शहर की 11 मुकामी अन्जुमनो ने नौहा व मातम रात भार जारी रहा। तमाम मोमनीन अज़ादार रात भार ताजिये को मस्क करके मन्नते मागते व उतारते रहे।

अलबिदाई मजलिस फ़जीर की नमाज के बाद आयोजित की गई जिसको बेलाल हसनैन ने  अपने मकसूस अंदाज में बयान किया, जिसके बाद आग की दहकती हुई ज़ंजीर का मातम शहर के मशहूर मारूफ अन्जुमन गुलशने इस्लाम (रजि.) ने किया इस शब्बेदारी का पूरी रात संचालन सै अकबर हुसैन एडवोकेट व मरहूम सैय्यद बाकर ज़ैदी के पुत्र सैय्यद तालिब रज़ा ज़ैदी ने किया।

रविवार दोपहर एक बजे  पुन इसी सिलसिले की मजलिस शुरू हुई जिसमे सबसे पहले सोज़ख्वानी हुई उसके बाद मरसिया ख्वानी को हुई जिसे मुफ्ती हाशिम शारिब ने किया। मजलिस को ख़िताब मौलाना सै नदीम रज़ा ज़ैदी फैजाबादी ने इमाम हुसैन पर फज़याल व मसायब पढ़ा  जिससे लोगों की आँखे नम हो गई।

उसके बाद शाबिहे तुरबत निकाली गई। तुरबत से मन्नती नेबू उतारने व चढ़ाने के लिए भारी संख्या में महिला पुरुष मोमनीन उमड़ पड़े। उसके बाद ताजिये व तुरबत के साथ जुलूस की शक्ल मे अन्जुमन नौहा मातम करती अपने कदीम रास्ते बाजार भुआ, मुल्लाटोला, बारादुअरिया, हमाम दरवाजा, काज़ियाना गली, अजमेरी, पुरानी बाजार होते हुए सदर इमाम बेगम गंज सदर इमाम बाड़ा पहुंचकर सम्पन्न हुआ।    इस मजलिस का संचालन सै कबीर ज़ैदी ने किया।

यह दुनिया का एकलौता ऐतिहासिक चेहल्लुम है जो पूरी दुनिया में मनाये जाने वाले चेहलुम से एक दिन पूर्व पूरे देश में  मनाया जाता है।

इसके इतिहास को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्से से हज़ारो की संख्या में मोमनीन (श्रदालु) ज़्यारत के लिए अलग अलग राज्य और जनपदों से तशरीफ़ लाते है इस मंजर को देखने के लिए ।

इस्लाम चौक के मोतवल्ली सै ज़ाफर हसन ज़ैदी करबलाई व कार्यवाहक मुतवल्ली सैय्यद लाडले हसन ज़ैदी ने लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सै ज़मीर ज़ैदी, पूर्व एमएलसी हाजी सैय्यद सिराज मेहंदी, मौलाना सै सफदर हुसैन ज़ैदी, सैय्यद शाहिद ज़ैदी, सैय्यद तालिब ज़ैदी, मो मुस्तफा, अफसर हुसैन, नजमुल हसन नजमी, तनवीर हसन, मोहम्मद तकी, रूमी ज़ैदी , राजूज़ैदी , कलीम ज़ैदी, सैय्यद सकलैंन ज़ैदी, सैय्यद शाहिल ज़ैदी, सैय्यद राहिल ज़ैदी सहित हज़ारो की संख्या में महिला पुरुष उपस्थित रहे।

 

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